खाद्य सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर 13.20 लाख रुपये का जुर्माना
बीकानेर, 28 मार्च (हि.स.)। जिला प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने वाली फर्मों पर सख्त कार्रवाई की है। बादाम, पिस्ता और दही के नमूने निम्न गुणवत्ता (सब-स्टैंडर्ड) पाए जाने तथा सरसों का तेल मिसब्रांड पाए जाने पर एडीएम प्रशासन कोर्ट ने संबं
13 लाख 20 हजार का लगाया जुर्माना : बादाम, पिस्ता, दही के सैंपल पाए गए सब स्टैंडर्ड व सरसों का तेल मिला मिसब्रांड


बीकानेर, 28 मार्च (हि.स.)। जिला प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने वाली फर्मों पर सख्त कार्रवाई की है। बादाम, पिस्ता और दही के नमूने निम्न गुणवत्ता (सब-स्टैंडर्ड) पाए जाने तथा सरसों का तेल मिसब्रांड पाए जाने पर एडीएम प्रशासन कोर्ट ने संबंधित फर्मों पर कुल 13 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। बादाम और पिस्ता के मामले में पहली बार अधिकतम जुर्माना लगाया गया है।

रानी बाजार औद्योगिक क्षेत्र स्थित श्री एग्रो इंडस्ट्रीज और उसके पांच साझेदारों पर 5-5 लाख रुपये का अधिकतम जुर्माना लगाया गया है। इसी तरह, विनोद इंडस्ट्रीज और इसके तीन साझेदारों पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, व्यास कॉलोनी स्थित शिव दूध भंडार के दो साझेदारों पर दही की गुणवत्ता खराब पाए जाने पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

एडीएम प्रशासन रामावतार कुमावत ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा श्री एग्रो इंडस्ट्रीज से बादाम और पिस्ता के नमूने लिए गए थे। जांच में बादाम में तेल की मात्रा तय मानकों से कम और पिस्ता में अनओपन्ड एवं खाली शैल्स की मात्रा अधिक पाई गई। इसे खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुसार सब-स्टैंडर्ड घोषित किया गया, जिसके तहत एफएसएस एक्ट की धारा 51 के उल्लंघन पर फर्म पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

इसी तरह, विनोद इंडस्ट्रीज की तेल निर्माण इकाई से लिए गए बाबा ब्रांड सरसों के तेल के नमूने में महत्वपूर्ण पोषण संबंधी जानकारी का उल्लेख नहीं था, जिससे यह मिसब्रांड घोषित हुआ। इसके चलते एफएसएस एक्ट की धारा 52 के तहत 3 लाख रुपये का अधिकतम जुर्माना लगाया गया।

शिव दूध भंडार से लिए गए दही के नमूने में फैट की मात्रा तय मानकों से कम पाई गई, जिससे इसे भी सब-स्टैंडर्ड घोषित किया गया और फर्म पर 20 हजार रुपये की शास्ति लगाई गई।

एडीएम कुमावत ने बताया कि सभी फर्मों को सुनवाई का अवसर दिया गया था। अब इन्हें एक माह के भीतर सीएमएचओ कार्यालय के माध्यम से चालान जमा करना होगा। निर्धारित समय पर चालान नहीं भरने की स्थिति में संबंधित फर्मों का लाइसेंस निलंबित किया जाएगा और राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 के तहत कानूनी वसूली की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव