जेएलएन के रेजिडेंट डॉक्टर की चप्पल से पिटाई: मामले में कमेटी करेगी जांच
अजमेर, 27 मार्च (हि.स.)। अजमेर के राजकीय जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय के एनआईसीयू वार्ड में ड्यूटी पर तैनात रेजिडेंट डॉक्टर चंद्र प्रकाश के साथ नर्सिंग कर्मियों द्वारा की गई मारपीट के मामले की जांच के लिए चिकित्सालय प्रशासन ने एक समिति गठित की है। इस सम
जेएलएन के रेजिडेंट डॉक्टर की चप्पल से पिटाई: मामले में कमेटी करेगी जांच


जेएलएन के रेजिडेंट डॉक्टर की चप्पल से पिटाई: मामले में कमेटी करेगी जांच


जेएलएन के रेजिडेंट डॉक्टर की चप्पल से पिटाई: मामले में कमेटी करेगी जांच


अजमेर, 27 मार्च (हि.स.)। अजमेर के राजकीय जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय के एनआईसीयू वार्ड में ड्यूटी पर तैनात रेजिडेंट डॉक्टर चंद्र प्रकाश के साथ नर्सिंग कर्मियों द्वारा की गई मारपीट के मामले की जांच के लिए चिकित्सालय प्रशासन ने एक समिति गठित की है। इस समिति की अध्यक्षता डॉ. संजीव माहेश्वरी करेंगे, जिसमें डॉ. महेंद्र जैन, डॉ. हेमेश हर्षवर्धन और नर्सिंग अधीक्षक मीनाक्षी शामिल हैं।

चिकित्सालय के अधीक्षक एवं प्राचार्य डॉ. अनिल सामरिया ने इस घटना को गंभीर मानते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। घटना गुरुवार सुबह एनआईसीयू वार्ड में हुई, जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर चंद्र प्रकाश और नर्सिंग कर्मचारी सुरेश चौधरी व विनोद के बीच कहासुनी हो गई, जो बाद में हाथापाई में बदल गई। इस दौरान कथित रूप से नर्सिंग कर्मियों ने डॉक्टर चंद्र प्रकाश के साथ धक्का-मुक्की की और चप्पल से मारपीट की।

रेजिडेंट डॉक्टरों की ओर से डॉ. दिलराज मीणा ने बताया कि डॉक्टर चंद्र प्रकाश मरीजों के हित में नर्सिंग स्टाफ को कार्य करने के लिए कह रहे थे, लेकिन इस पर प्रतिक्रिया स्वरूप नर्सिंग स्टाफ ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि इस तरह की घटनाएं बढ़ती रहीं, तो रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए काम करना कठिन हो जाएगा। वहीं, नर्सिंग कर्मचारी सुरेश चौधरी ने आरोप लगाया कि झगड़े की शुरुआत डॉक्टर ने की और उन्होंने पहले गाली-गलौज की तथा तमाचा मार दिया, जिससे विवाद बढ़ गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने जांच के निर्देश दिए हैं, और जल्द ही रिपोर्ट सौंपने की संभावना है। प्राचार्य डॉ. अनिल सामरिया ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ लंबे समय से एक साथ कार्य कर रहे हैं, और सद्भाव के साथ काम करने से मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार / संतोष