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देहरादून, 27 मार्च (हि.स.)। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में संस्कृत विषय के एक दर्जन असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई है। इन शिक्षकों को दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्रों के महाविद्यालयों में तैनात किया गया है, जिससे संस्थानों में शिक्षकों की कमी दूर होने के साथ-साथ शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होगा।
राज्य सरकार शिक्षण संस्थानों में ढांचागत विकास और शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित संस्कृत विषय के 12 सहायक प्राध्यापकों को विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में नियुक्त किया गया है, जिससे राजकीय महाविद्यालयों में संस्कृत शिक्षकों की कमी दूर होगी और देववाणी संस्कृत को बढ़ावा मिलेगा।
इसमें दीपक कुमार कोठारी को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर, कंचन तिवारी व विनोद कुमार को पीजी कॉलेज उत्तरकाशी, आरती आर्य को राजकीय महाविद्यालय दन्या, मंजू पाण्डे को चिन्यालीसौड, डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र को मजरामहादेव, मनोज जोशी व डॉ. महेश चन्द्र शर्मा को जैंती, रजनी नेगी को थलीसैण, सुनीता जोशी को गणाई गंगोली, निर्मला को बेतालघाट और डॉ. गोविंद कुमार को राजकीय महाविद्यालय बलुवाकोट में तैनाती दी गई है।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों में संस्कृत विषय के एक दर्जन सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति कर दी गई है। इन शिक्षकों के आने से महाविद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों में उल्लेखनीय सुधार होगा, साथ ही संस्कृत शिक्षा के प्रसार में भी वृद्धि होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार