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असंग साहब से मिलने आठ अप्रैल को लखीमपुर जायेंगे सरसंघचालक डा. मोहन भागवत
लखनऊ, 26 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन राव भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले अप्रैल माह में उत्तर प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। प्रतिनिधि सभा की बैठक के तुरंत बाद कार्य विस्तार की दृष्टि से संघ के दोनों शीर्ष पदाधिकारियों के उत्तर प्रदेश दौरे को काफी अहम माना जा रहा है। दोनों पदाधिकारियों के अलग-अलग विभागों में कार्यक्रम तय हैं। सरसंघचालक डा. भागवत आठ अप्रैल को लखीमपुर के मुस्तफाबाद स्थित कबीर धाम आश्रम जायेंगे। वहां पर वह राष्ट्रीय संत असंग साहब के सत्संग में शामिल होंगे और उनका आशीर्वाद लेंगे। इसके अलावा डा. मोहन भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। लखीमपुर प्रवास के दौरान सरसंघचालक के नैमिषारण्य भी जाने की संभावना है। संघ के प्रान्त कार्यवाह प्रशान्त शुक्ला ने बताया कि अभी फिलहाल कबीर धाम आश्रम का ही कार्यक्रम तय हुआ है।
अलीगढ़ के प्रवास पर 17 अप्रैल से रहेंगे सरसंघचालक
सरसंघचालक डा. मोहन भागवत 17 अप्रैल से 21 अप्रैल तक अलीगढ़ के प्रवास पर रहेंगे। सरसंघचालक के आगमन की तैयारियां मथुरा रोड स्थित गांव सिंघारपुर में बने केशव सेवा धाम में शुरू हो गईं हैं। ब्रज प्रांत में मोहन भागवत के आगमन को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। केशव धाम में बने छात्रावास में पूर्वाेत्तर के 60 छात्र रहते हैं। सरसंघचालक पूर्वोत्तर के छात्रों से संवाद भी करेंगे। यहां पर रहने वाले सभी छात्र केशव सेवा धाम के निकट स्थित सीबी गुप्ता विद्यापीठ में पढ़ते हैं।
लखनऊ में 20—21 को संगठनात्मक बैठकें करेंगे सरकार्यवाह
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले दो दिवसीए प्रवास पर लखनऊ आ रहे हैं। सरकार्यवाह का प्रवास पूर्णतया संघ कार्य के विस्तार तथा सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित रहेगा। दत्तात्रेय होसबाले 20 अप्रैल को स्मृति उपवन में शाखा टोली के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। वहीं 21 अप्रैल को प्रान्तीय व क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आगामी कार्ययोजना को अंतिम रूप देंगे। सरकार्यवाह के लखनऊ आगमन को लेकर शाखा स्तर पर तैयारियों शुरू हो गयी हैं। बंद पड़ी शाखाओं को फिर से प्रारम्भ किया जा रहा है। वहीं जिन बस्तियों में शाखा नहीं है, वहां पर शाखा शुरू की जा रही हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर गया है। इसलिए डा. भागवत के दौरे को खासा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन