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नई दिल्ली, 26 मार्च (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग पर सुनवाई करेगा। आज चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इस मामले को मेंशन करते हुए याचिकाकर्ता और वकील मैथ्यू नेदुंपरा ने जल्द सुनवाई की मांग की। चीफ जस्टिस ने कहा कि आपकी याचिका लिस्ट हो गई है। आप कोई सार्वजनिक बयान नहीं दें।
याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली पुलिस को इस मामले में एफआईआर दर्ज कर प्रभावी जांच करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए। याचिका में कहा गया है कि चीफ जस्टिस की ओर से गठित तीन सदस्यीय जांच समिति को जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगने की घटना की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है। घटना भारतीय न्याय संहिता के तहत विभिन्न संज्ञेय अपराधों के दायरे में आती है।
याचिका में कहा गया है कि जांच समिति को इस तरह जांच का अधिकार देने के फैसले का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को खुद को ऐसा आदेश देने का अधिकार नहीं है। याचिका में कहा गया है कि जब अग्निशमन दल और दिल्ली पुलिस ने आग बुझाने का काम किया तो यह भारतीय न्याय संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत संज्ञेय अपराध है और यह पुलिस का कर्तव्य है कि वह एफआईआर दर्ज करे।
याचिका में कहा गया है कि यह न्याय बेचकर काला धन रखने का मामला है। याचिका में कहा गया है कि जस्टिस वर्मा के बयान पर अगर विश्वास भी कर लिया जाए तो यह सवाल बना हुआ है कि उन्होंने एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई। उल्लेखनीय है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर 14 मार्च को आग लगने के बाद अग्निशमन विभाग ने कैश बरामद किया है।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद