टीएमसी अधिकारियों ने की शासकीय धन की लूट,नहीं लौटाए 3000करोड़
मुंबई 25 मार्च ( हि.स.) । ठाणे के विधायक संजय केलकर ने ठाणे मनपा प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने ठाणे शहर में विकास कार्यों के लिए तीन हजार करोड़ रुपये भेजे गए, लेकिन अधिकारियों ने न केवल शेष निधि लौटाई, बल्कि पुराने कार्यों के लिए न
टीएमसी अधिकारियों ने की शासकीय धन की लूट,नहीं लौटाए 3000करोड़


मुंबई 25 मार्च ( हि.स.) । ठाणे के विधायक संजय केलकर ने ठाणे मनपा प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने ठाणे शहर में विकास कार्यों के लिए तीन हजार करोड़ रुपये भेजे गए, लेकिन अधिकारियों ने न केवल शेष निधि लौटाई, बल्कि पुराने कार्यों के लिए नए टेंडर और नए बिल जारी कर निधि लूट ली है। उन्होंने कहा कि ठाणे मनपा में अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच अपवित्र गठजोड़ है और करोड़ों का भ्रष्टाचार हो रहा है। विधायक संजय केलकर ने विधानसभा में मांग की है कि ठाणे नगर निगम द्वारा मामले की गहन जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की एक समिति गठित की जाए।

ठाणे के विधायक संजय केलकर के कार्यालय की ओर से आज बताया गया कि अंतिम सप्ताह के प्रस्ताव में विकास कार्यों के मुद्दे पर सत्र में बोलते हुए विधायक संजय केलकर ने नगर विकास विभाग, जिला परिषद शिक्षा विभाग और ठाणे शहर में अनधिकृत निर्माणों पर टिप्पणी की है। ठाणे शहर में 2021 से 2025 तक विकास कार्यों के लिए 5044.89 करोड़ रुपये की सरकारी मंजूरी मिली थी। उसमें से तीन हजार करोड़ रुपये मनपा को भेजे गए थे। हालांकि विधायक संजय केलकर ने आरोप लगाया कि नगर निगम प्रशासन ने राशि वापस नहीं भेजी है, जबकि विकास कार्य पूरा होने के बाद शेष राशि राज्य सरकार को भेजना अनिवार्य है।

जबकि तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाणे शहर की बेहतरी के लिए नगर विकास विभाग के माध्यम से मनपा को करोड़ों रुपए मुहैया कराए, लेकिन अधिकारियों ने ठेकेदार के पक्ष में निर्णय लेकर अनियमिताएं की हैं। सड़कों पर यूटीडब्ल्यूटी कार्यों के लिए नगर निगम को 600 करोड़ रुपये दिए गए। हालाँकि, इससे अनियमितताएं और भ्रष्टाचार ही बढ़ा है। अधिकारियों और ठेकेदारों ने पुराने कामों को नए टेंडर और नए बिल दिखाकर लूट की है।जबकि सरकारी धन का उपयोग वास्तविक कार्य के लिए नहीं किया गया। हमें यह पता लगाना होगा कि इस सारे भ्रष्टाचार के पीछे कौन है। विधायक केलकर ने मांग की कि सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की एक समिति गठित कर इसकी गहन जांच कराई जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा