उन्नाव रेप पीड़िता को मिली सीआरपीएफ की सुरक्षा वापस नहीं होगी
- रेप पीड़िता के पारिवारिक सदस्यों और गवाहों को मिली सुरक्षा वापस लेने का आदेश नई दिल्ली, 25 मार्च (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता को मिली सीआरपीएफ की सुरक्षा वापस लेने की केंद्र की मांग को खारिज कर दी है। इसके साथ ही जस्टिस बेला एम त
सुप्रीम कोर्ट


- रेप पीड़िता के पारिवारिक सदस्यों और गवाहों को मिली सुरक्षा वापस लेने का आदेश

नई दिल्ली, 25 मार्च (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता को मिली सीआरपीएफ की सुरक्षा वापस लेने की केंद्र की मांग को खारिज कर दी है। इसके साथ ही जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली बेंच ने रेप पीड़िता के परिवार के सदस्यों को मिली सुरक्षा वापस लेने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले के गवाहों को मिली सीआरपीएफ सुरक्षा भी हटाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सजा मिल चुकी है, ऐसे में गवाहों की सुरक्षा का कोई मतलब नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने ये साफ किया कि अगर रेप पीड़िता के परिवार के सदस्यों और गवाहों को अगर ये लगता है कि उन्हें कोई खतरा है तो वे स्थानीय पुलिस के पास जा सकते हैं।

दरअसल, इस सनसनीखेज दुष्कर्म मामले और पीड़िता तथा अन्य की जान को खतरा होने पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 01 अगस्त, 2019 को रेप पीड़िता, उसकी मां और परिवार के अन्य सदस्यों और उनके वकील को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील ने कहा था कि पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों पर खतरे के आकलन के अनुसार सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है।

रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल, 2018 को मौत हो गई थी। रेप पीड़िता ने जब 4 जून 2017 को कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था, तो उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था। रेप पीड़िता के पिता की जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में मौत हो गई थी।

तीस हजारी कोर्ट ने 20 दिसंबर, 2019 को रेप के मामले में सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था। तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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