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—साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने दोषमुक्त किया
वाराणसी, 25 मार्च (हि.स.)। पुलिस टीम पर जानलेवा हमला, आर्म्स एक्ट और कूटरचित दस्तावेज बरामदगी के मामले में आरोपित शातिर गैंगस्टर अभिषेक सिंह उर्फ हनी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट (द्वितीय) के जज सुनील कुमार ने उसे साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 19 दिसंबर 2012 को एसओजी प्रभारी एसपी सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम केबल व्यवसायी की हत्या में शामिल अपराधियों की तलाश कर रही थी। उसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि 50 हजार का इनामी अपराधी अभिषेक सिंह उर्फ हनी होटल इंडिया चौराहे से होते हुए कैंट स्टेशन जा रहा है और कहीं भागने की कोशिश कर रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने होटल इंडिया चौराहे पर घेराबंदी की।
इस बीच, लगभग 4:30 बजे प्रातः नदेसर की तरफ से एक ऑटो होटल इंडिया चौराहे पर रुका और एक व्यक्ति उतरकर पैदल ही कैंट स्टेशन की ओर जाने लगा। जब एसओजी प्रभारी और उनकी टीम ने उसे रुकने का इशारा किया, तो वह बदमाश तुरंत पीछे मुड़कर चर्च रोड की तरफ भागने लगा। पुलिस टीम ने पीछा करते हुए लगभग 15-20 मीटर बाद बदमाश को घेर लिया, लेकिन उसने पुलिस टीम पर असलहे से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। एक गोली एसओजी प्रभारी के कान के पास से सनसनाती हुई निकल गई और वह बाल-बाल बच गए। इसके बाद पुलिस ने खुद को बचाते हुए बदमाश को पकड़ लिया।
पकड़े गए बदमाश ने पूछताछ में अपना नाम अभिषेक उर्फ हनी, निवासी खजुरी, पाण्डेयपुर बताया। उसकी तलाशी में एक .32 बोर पिस्टल, एक जिंदा कारतूस, एक खाली मैगजीन, कूटरचित परिचय पत्र और 2020 रुपये नकद बरामद हुए।
लेकिन, अदालत में अभियोजन पक्ष से पेश किए गए साक्ष्य पूरी तरह से सिद्ध नहीं हो पाए। साक्ष्य के अभाव और संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने अभियुक्त को दोषमुक्त कर दिया। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव, विनीत सिंह और नरेश यादव ने अपना पक्ष रखा।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी