सूर्यनगरी में सजेगा राजस्थानी साहित्य का महाकुंभ : 30-31 को होगा आयोजन
राजस्थानी विभाग की स्थापना के स्वर्ण जयंती समारोह उजास-उच्छब में शिरकत करेंगे अनेक प्रतिष्ठित रचनाकार जोधपुर, 25 मार्च (हि.स.)। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के राजस्थानी विभाग की स्थापना का स्वर्ण जयंती समारोह राजस्थानी विभाग एवं महाराजा मानसिंह पुस
jodhpur


राजस्थानी विभाग की स्थापना के स्वर्ण जयंती समारोह उजास-उच्छब में शिरकत करेंगे अनेक प्रतिष्ठित रचनाकार

जोधपुर, 25 मार्च (हि.स.)। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के राजस्थानी विभाग की स्थापना का स्वर्ण जयंती समारोह राजस्थानी विभाग एवं महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध केन्द्र मेहरानगढ़ के सयुंक्त तत्वावधान में 30 -31 मार्च को केन्द्रीय कार्यालय स्थित बृहस्पति सभागार में सुबह दस से शाम पांच बजे तक उजास उच्छब के रूप में समारोहपूर्वक मनाया जाएगा।

संगोष्ठी संयोजक डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित ने बताया कि केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत के आतिथ्य में आयोजित होने वाले उद्घाटन समारोह में राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति डॉ.पुष्पेन्द्रसिंह भाटी मुख्य अतिथि एवं ख्यातनाम कवि-आलोचक प्रोफेसर (डॉ.) अर्जुनदेव चारण सारस्वत अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। जेएनवीयू के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) अजीत कुमार उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करेंगे।

स्वर्ण जयंती समारोह के अंतर्गत आयोजित राष्ट्रीय राजस्थानी संगोष्ठी में राजस्थानी भाषा-साहित्य एवं संस्कृति विषयक पांच साहित्यिक सत्र होंगे जिसमें प्रतिष्ठित रचनाकार डॉ. मंगत बादल, जहूर खां मेहर, डॉ. चांदकौर जोशी, डॉ. राजेश कुमार व्यास एवं डॉ. मदन सैनी विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता करेंगे। दो दिवसीय राष्ट्रीय राजस्थानी संगोष्ठी के प्रथम सत्र में डॉ. इन्द्रदान चारण राजस्थानी विभाग री थापना अर विगसाव, डॉ. लक्ष्मीकांत व्यास राजस्थानी भाषा रौ उदभव अर विकास, डॉ.दिनेश चारण राजस्थानी भाषा रौ कालगत विवेचन तथा डॉ. मदनसिंह राठौड़ राजस्थानी भाषा रै विकास में तत्कालीन रियासता रौ योगदान विषय पर आलोचनात्मक आलेख प्रस्तुत करेंगे। द्वितीय साहित्यिक सत्र में डॉ.सत्यनारायण सोनी समकालीन राजस्थानी साहित्य: दसा अर दिसा, डॉ .सुरेश सालवी राजस्थानी लोक साहित्य री उपादेयता, डॉ. मदन गोपाल लढा राजस्थानी साहित्यिक पत्रकारिता री विकास जात्रा तथा डॉ. रामरतन लटियाल समकालीन राजस्थानी आलोचना: अेक विरोळ विषय पर आलोचनात्मक आलेख प्रस्तुत करेंगे। सत्र संयोजन महेन्द्रसिंह छायण करेंगे।

तृतीय साहित्यिक सत्र में राष्ट्रीय संगोष्ठी में डॉ. चांदकौर जोशी की अध्यक्षता में आयोजित महिला सत्र के अंतर्गत राजस्थानी रचनाकार किरण बादल समकालीन राजस्थानी बाल साहित्य, डॉ. रीना मेनारिया राजस्थानी सबदकोस परम्परा: अेकदीठ, संतोष चौधरी समकालीन राजस्थानी महिला लेखन एवं शकुंतला पालीवाल समकालीन राजस्थानी युवा लेखन पर आलोचनात्मक आलेख प्रस्तुत करेंगे। सत्र संयोजन तरनीजा मोहन राठौड़ का होगा। चतुर्थ साहित्यिक सत्र में डॉ.कृष्ण कुमार आशु राजस्थानी डायरी लेखन: अेक दीठ, डॉ. गौतम अरोड़ा सोशियल मीडिया में राजस्थानी भासा-साहित्य रौ प्रभाव, शिवबोधि समकालीन राजस्थानी दलित लेखन, नगेन्द्र नारायण किराड़ू राजस्थानी अनुवाद साहित्य विषय पर आलोचनात्मक आलेख प्रस्तुत करेंगे।

राजस्थानी कला एवं संस्कृति को समर्पित पंचम साहित्यिक सत्र में डॉ. अब्दुल लतीफ उस्ता राजस्थान री प्रमुख लोक कलावां: अेक ओळखांण, डॉ. शक्तिसिंह चांदावत राजस्थान री पारंपरिक लोक गायिकावां: अेक दीठ एवं डॉ. गौरीशंकर निमिवाल आधुनिक राजस्थानी नाटक: अेक दीठ विषय पर अपना आलोचनात्मक आलेख प्रस्तुत करेंगे। इसी सत्र में अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त लोक कलाकार तगाराम भील अलगोजा एवं मंगलाराम भील रावणहत्था वाद्य पर अपनी प्रस्तुति देंगे।

स्वर्ण जयंती समारोह के अंतर्गत रविवार शाम को छह बजे ख्यातनाम कवि-आलोचक प्रोफेसर (डॉ.) अर्जुनदेव चारण की उपस्थिति में आयोजित राजस्थानी काव्य गोष्ठी में प्रतिष्ठित रचनाकार डॉ. सुमन बिस्सा, ओम नागर, मदनगोपाल लढ्ढा, दिनेश चारण, राजूराम बिजारणिया, प्रकाशदान चारण, वाजिद हसन काजी, महेन्द्रसिंह छायण, निर्मला राठौड़, जितेन्द्र सिंह साठिका, सूर्यकरण सोनी एवं कुलदीप विद्यार्थी राजस्थानी कविताओं का पाठ करेंगे। इस अवसर पर डॉ.अर्जुनदेव चारण के साक्षात्कार वीडियो का लोकार्पण भी किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश