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रांची, 25 मार्च (हि.स.)। झारखंड विधानसभा में मंगलवार को जैप-आईटी के जरिए राज्य भर में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति और एजेंसी के चयन को लेकर सवाल उठा। अल्पसूचित प्रश्न के जरिए कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने यह मुद्दा उठाया। प्रदीप यादव ने कहा कि जैप-आईटी में एजेंसी के माध्यम से राज्य भर में कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति होती है। इसके लिए बाहरी एजेंसी से काम होता है। ऑपरेटरों को मिलने वाले रकम में भी कटौती होती है।
प्रदीप यादव ने कहा कि एजेंसी का चयन निविदा के आधार पर होता है लेकिन निविदा में ऐसी शर्तें जोड़ दी जाती हैं जिससे राज्य की कंपनियां भाग ही नहीं ले पाती हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या एजेंसी जो ऑपरेटरों की सैलरी से पैसों का हिस्सा ले रही है इसकी जानकारी सरकार को है और शिकायत पर कितनी कंपनियों पर कारवाई हुई है। साथ ही प्रदीप यादव ने कहा कि 2021 से एक ही एजेंसी का चयन होना संदेह उत्पन्न करता है।
विधायक प्रदीप यादव के सवाल का जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री रामदास सोरेन ने सदन को बताया कि निविदा के आधार पर मैन मैन पावर सप्लाई का काम एजेंसी करती है। शिकायत मिलने पर कंपनी के विरुद्ध कारवाई भी की जाती है। ल्यूमिनस कंपनी के विरुद्ध शिकायत मिली थी उसके खिलाफ कारवाई भी हुई है। मंत्री ने सदन को आश्वस्त करते हुए कहा कि विभागीय स्तर पर जांच कर एक महीने के अंदर कार्रवाई करेंगे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जिला स्तर पर भी टेंडर हो और एजेंसी का चयन हो इस पर सरकार विचार करेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे