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नई दिल्ली, 25 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने मंगलवार को नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) में इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) की सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री आर्थिक विकास के एक मजबूत स्तंभ के रूप में उभरा है, जिसमें महिलाओं का योगदान काफी सराहनीय है।
इस अवसर पर प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग में कार्य करने वाली कई महिलाओं को सम्मानित भी किया गया।
आज जारी रिपोर्ट में बताया कि निरंतर विकास की राह पर बढ़ते हुए भारत के प्रत्यक्ष बिक्री कारोबार ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 4.4 फीसदी की वृद्धि के साथ 22,142 करोड़ रुपये का अब तक का सर्वोच्च स्तर हासिल किया है जो वित्तक वर्ष 2022-23 में 21282 करोड़ रुपये था। रिपोर्ट में यह तथ्य निकल कर आया है प्रत्यक्ष विक्री उद्योग के सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधार हुआ है तथा कुल बिक्री में वित्ति वर्ष 2022-23 के मुकाबले लगभग 860 करोड़ रुपये की वृद्धि तथा वित्तक वर्ष 2019-20 के 16,800 करोड़ रुपये से लेकर वित्त वर्ष 2023-24 के 22,142 तक के पांच वर्षों में प्रत्यक्ष बिक्री कारोबार की औसतन विकास दर (सीएजीआर) लगभग 7.15 फीसदी रही है।
भारत के प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग में व्यापक सुधार हुआ है और कुल बिक्री में वित्त2 वर्ष 2022-23 के मुकाबले लगभग 860 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई कि कारोबार ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान बढ़कर के दोगुनी हुई। इसके साथ ही महिलाओं की इसमें हिस्सेदारी 37 फीसदी से बढ़कर के 44 फीसदी हो गई।
चिराग पासवान ने कहा कि यह कार्यक्रम भारत में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग के योगदान और क्षमता को पहचानने में निश्चित रूप से मील का पत्थर है। डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री आर्थिक विकास के एक मजबूत स्तंभ के रूप में उभरा है। जिसमें महिलाओं का योगदान काफी सहरानीय है।
पासवान ने स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की सराहना की।
उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग ने अधिक रोजगार के लिए सरकार के साथ मिलकर के काम किया और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उच्च उत्पाद गुणवत्ता के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने अपनी विभिन्न रणनीतिक पहलुओं के माध्यम से व्यापार अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने उद्योग को बेहतर विनिर्माण कार्यप्रणालियों को अपनाने और सतत विकास के अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने उद्योग के हितधारकों को अपने विभाग के समर्थन का आश्वासन दिया और पौष्टिक-औषधीय पदार्थ के क्षेत्र से संबंधित चिंताओं को दूर करने तथा प्रत्यक्ष बिक्री व्यवसायों को मदद करने के लिए ऋण प्रक्रियाओं को सुचारू बनाने का वचन दिया।
आईडीएसए के अध्यक्ष विवेक कटोच ने कहा कि यह रिपोर्ट देश में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के लिए एक उत्साहजनक प्रवृत्ति को दर्शाती है। उद्योग का विकास पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि 7.15 फीसदी का सीएजीआर इस बात का प्रमाण कि देश में प्रत्यक्ष बिक्री व्यवसायों ने लगातार विकास किया है और उद्योग के लिए सरकार द्वारा एक आशाजनक नियामक ढांचे के बल पर आने वाले वर्षों में और मजबूत होने के लिए तैयार हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी