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- लोक निर्माण मंत्री ने किया जिला स्तरीय पुस्तक एवं गणवेश मेला का शुभारंभ
- एक ही स्थान पर विद्यार्थियों को मिलेगी रियायती दर पुस्तकें, यूनिफार्म और सभी शैक्षणिक सामग्री
जबलपुर, 25 मार्च (हि.स.)। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने मंगलवार शाम को शहर के हृदय स्थल गोलबाजार स्थित शहीद स्मारक परिसर में जिला प्रशासन द्वारा स्कूली बच्चों को एक ही स्थान पर पुस्तकें, यूनिफार्म, बैग और अन्य सभी शैक्षणिक सामग्री रियायती दर पर उपलब्ध कराने लगाये जा रहे बारह दिनों के पुस्तक और गणवेश मेला का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने पुस्तक और गणवेश मेला के आयोजन को स्कूलों बच्चों के हित में सार्थक कदम बताया और इसके आयोजन के लिये जिला प्रशासन को साधुवाद दिया। उन्होंने पुस्तक मेला को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में लगातार किये जा रहे सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम बताया।
जिला स्तरीय पुस्तक और गणवेश मेला के शुभारंभ समारोह में विधायक अशोक रोहाणी, नगर निगम के अध्यक्ष रिकुंज विज, भाजपा के नगर अध्यक्ष रत्नेश सोनकर, जिला पंचायत के सीईओ अभिषेक गहलोत एवं संयुक्त संचालक शिक्षा प्राचीश जैन भी मंचासीन थे। पुस्तक मेला का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया।
लोक निर्माण मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये आगे कहा कि पुस्तक एवं गणवेश मेला का आयोजन मात्र औपचारिकता नहीं है, बल्कि उन नौनिहालों और स्कूली विद्यार्थियों के लिये जिन्हें अध्ययन के लिये किताबों की आवश्यकता होती है, उन्हें एक ही स्थान पर उचित मूल्य पर किताबें उपलब्ध कराने की दिशा में सराहनीय प्रयास है।
उन्होंने कहा कि वास्तव में शिक्षा को कभी दान के रूप में देखा जाता था, लेकिन समय के साथ धीरे-धीरे शिक्षा व्यवसाय के रूप में परिवर्तित हो गई और कुछ सीमित लोगों ने इसे धन उपार्जन का माध्यम बना लिया। इसका असर ऐसे लोगों पर पड़ा जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिये किसी भी स्थिति से समझौता नहीं करते और यह जानते हुये भी की उनके साथ ज्यादती हो रही है उस ज्यादती को सहन करते रहना नियति मान लेते हैं।
मंत्री सिंह ने अपने संबोधन में शिक्षा माफियाओं पर जबलपुर में हुई कार्यवाहियों के लिये कलेक्टर दीपक सक्सेना की तारीफ की और उन्हें बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि जबलपुर कलेक्टर ने निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर अंकुश लगाकर जो सार्थक कदम उठाया, उसकी गूंज भी पूरे प्रदेश में सुनाई दी और पुस्तक मेला के आयोजन की शुरुआत भी जबलपुर से ही हुई।
बुक बैंक स्टॉल की सराहना
मंत्री सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पुस्तक मेला में एक ही स्थान पर उचित दर पर किताबें, यूनिफार्म, स्कूल बैग एवं अन्य शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराई गईं हैं, ताकि बच्चे या उनके अभिभावक के अपने बजट के अनुसार अपनी आवश्यकता की पूर्ति कर सकें। उन्होंने पुस्तक और गणवेश मेला में शिक्षा विभाग द्वारा पुरानी किताबों के आदान-प्रदान के लिये लगाये गये बुक बैंक के स्टॉल की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि बुक बैंक की आज भी आवश्यकता है खासतौर पर बच्चों के लिये जो कई लेखकों की किताबें पढ़ना चाहते हैं और अलग-अलग विषयों पर रिसर्च करना चाहते हैं।
लोक निर्माण मंत्री ने पुरानी किताबों के आदान-प्रदान को लेकर अपने छात्र जीवन के अनुभव भी सुनाए। उन्होंने अपने संबोधन के आखिर में पुस्तक एवं गणवेश मेला के आयोजन की सफलता की कामना करते हुये अपेक्षा व्यक्त की इसकी निरंतरता बनी रहेगी। विधायक अशोक रोहाणी ने पुस्तक मेला के शुभारंभ पर अपने विचार व्यक्त करते हुये इसके आयोजन के लिये कलेक्टर दीपक सक्सेना की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को रियायती दर पर किताबें और शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराने प्रदेश में पुस्तक मेला के आयोजन की शुरुआत पिछले वर्ष जबलपुर से हुई थी और फीस निर्धारण के लिये निजी स्कूलों पर कार्यवाही का आगाज भी जबलपुर में ही हुआ था, जो प्रदेश भर में नजीर बन चुकी है।
रोहाणी ने अपने संबोधन में पुस्तक और गणवेश मेला के आयोजन को सामान्य परिस्थितियों वाले परिवारों के लिये अनुकूल बताया। उन्होंने कहा कि इससे ऐसे परिवारों पर कॉपी-किताबों खरीदने पर पढ़ने वाला आर्थिक भार आधा हो जाएगा और उनका बजट भी नहीं बिगड़ेगा। पुस्तक एवं गणवेश मेला के शुभारंभ समारोह के समापन पर राज सागरी द्वारा रचित और संभागीय बाल भवन द्वारा प्रकाशित बाल कविताओं के संग्रह का विमोचन भी किया गया।
पुस्तक एवं गणवेश मेला के शुभारंभ समारोह के प्रारंभ में जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी, जिला परियोजना समन्वयक योगेश शर्मा एवं जबलपुर पुरातत्व, पर्यटन और संस्कृति परिषद के सीईओ हेमंत सिंह ने लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह सहित सभी अतिथियों का स्वागत किया। पुस्तक मेले के शुभारंभ पर संभागीय बाल भवन में बच्चों द्वारा गणेश वंदना प्रस्तुत की गई तथा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। जिला स्तरीय पुस्तक मेला 5 अप्रैल तक प्रतिदिन शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक तथा शनिवार और रविवार को दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर