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काठमांडू, 23 मार्च (हि.स.)। अमेरिकी सरकार ने विभिन्न तरह के आर्थिक सहायता कांटूने के अपने फैसले में मिलेनियम चैलेंज कॉम्पेक्ट (एमसीसी) परियोजना को भी रोक दिया था। 55 मिलियन डॉलर के इस आर्थिक सहायता वाले परियोजना के कुछ हिस्सों को अब अमेरिका ने जारी रखने का निर्देश दिया है।
एमसीसी नेपाल की तरफ से रविवार को एक बयान जारी करते हुए इसकी जानकारी दी गई है। अपने बयान में एमसीए नेपाल ने अमेरिकी प्रशासन द्वारा हाल ही में नेपाल के दफ्तर संचालन और कुछ सामग्री खरीद की अनुमति प्रदान की है। डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा अमेरिकी सत्ता संभालने के बाद से यूएसएआईडी सहित नेपाल में एमसीसी के सभी परियोजना और नेपाल स्थित उसके दफ्तर को बंद करने का निर्देश दिया था।
एमसीसी अमेरिका की बैठक में किए गए निर्णयों के बाद एमसीसी नेपाल चैप्टर ने जानकारी दी है कि काठमांडू स्थित उनके दफ्तर को पुनः संचालित करने और टेंडर हो चुके परियोजना में खरीद प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति प्रदान की गई है। एमसीसी अमेरिका के तरफ से नेपाल में 55 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सहायता से दो अंतराष्ट्रीय विद्युत प्रसारण लाइन के निर्माण किया जा रहा था।
एमसीसी नेपाल के प्रवक्ता पुष्कर माथेमा ने बताया कि नए निर्देशों के बाद जो ट्रांसमिशन लाइन निर्माण के लिए टेंडर निकल चुका हैं, उसका अग्रिम भुगतान कर सामग्री खरीद की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। एक और नया टेंडर का परिणाम भी घोषित किया जाएगा जो पहले निकल चुका है और अचानक अमेरिकी सरकार के फैसले के कारण उसे बीच में ही रोक देना पड़ा था।
एमसीसी नेपाल ने भारत की ट्रांसरेल कंपनी के साथ 18 किमी लंबे ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण का समझौता कर चुकी है। अगस्त 2024 में हुए इस समझौते के तहत नेपाल से भारत की सीमा तक 18 किमी लंबे प्रसारण लाइन का निर्माण किया जाएगा जिस नेपाल में उत्पादित बिजली को भारत तक भेजा जा सके।
नेपाल और भारत के बीच 10 वर्ष में 10 हजार मेगावाट बिजली भेजने का समझौता हुआ है। पर नेपाल में उच्च क्षमता के ट्रांसमिशन लाइन नहीं होने के कारण समझौते पर अमल नहीं हो पाया। तीन उच्च क्षमता वाले नए ट्रांसमिशन लाइन और तीन पुराने ट्रांसमिशन लाइन की क्षमता को बढ़ाने के लिए भारत के द्वारा सहयोग किया जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास