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नई दिल्ली, 22 मार्च (हि.स.)। खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025 में ओडिशा की पायल नाग ने अपनी अद्वितीय प्रतिभा से सभी को चौंका दिया है। बिना हाथ और पैरों के दुनिया की एकमात्र तीरंदाज पायल ने अपने हुनर और आत्मविश्वास से यह साबित कर दिया कि मजबूत इच्छाशक्ति के आगे हर बाधा छोटी पड़ जाती है। जयपुर में हुई छठी पैरा नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप में उन्होंने देश की दिग्गज पैरा आर्चर शीतल देवी को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
ओडिशा के बालंगीर जिले की रहने वाली पायल का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। महज पांच साल की उम्र में एक दर्दनाक हादसे में उन्होंने अपने दोनों हाथ और पैर खो दिए। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, जिससे उन्हें 2019 में बालंगीर के पार्वतीगिरी बाल निकेतन अनाथालय भेज दिया गया। वहां तीन साल रहने के बाद जम्मू-कश्मीर आर्चरी अकादमी के कोच कुलदीप वेदवान की नजर उन पर पड़ी।
कुलदीप ने पायल को आर्चरी के लिए तैयार किया और उनके लिए एक विशेष डिवाइस बनाई, जिससे वह अपने पैरों की मदद से तीर चला सकें। शुरुआत में कठिनाइयां आईं, लेकिन पायल ने कड़ी मेहनत और अभ्यास से खुद को साबित कर दिखाया।
जनवरी 2025 में जयपुर में आयोजित छठी पैरा नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप में पायल ने पहली बार प्रतिस्पर्धा में भाग लिया। यहां उन्होंने पैरालंपिक पदक विजेता शीतल देवी और अनुभवी ज्योति बालियान को मात देते हुए स्वर्ण पदक जीता। इस जीत के साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने की ओर कदम बढ़ा दिया है।
पायल अब खुद को विश्व रैंकिंग टूर्नामेंट (थाईलैंड) और 2026 टोक्यो पैरा एशियन गेम्स के लिए तैयार कर रही हैं। उनका सपना 2028 पैरालंपिक में स्वर्ण जीतकर देश का नाम रोशन करना है।
पायल कहती हैं, जब खुद पर भरोसा हो, तो कोई भी चीज असंभव नहीं। मैं कोच सर और अपनी मेहनत की बदौलत यहां तक पहुंची हूं। अब मेरा लक्ष्य देश के लिए स्वर्ण जीतना है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय