हाइकोर्ट ने पूछा : अंतर्राज्यीय बस स्टैंड को उपेक्षित और वीरान क्यों छोड़ दिया गया है, सचिव से हलफनामा में मांगा जवाब
बिलासपुर, 22 मार्च (हि.स.)। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अंतर राज्य बस स्टैंड की बदहाली से जुड़े जनहित याचिका पर शनिवार को सुनवाई की है।सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई।चीफ जस्टिस की बैंच ने इस पू
हाइकोर्ट ने पूछा : अंतर्राज्यीय बस स्टैंड को उपेक्षित और वीरान क्यों छोड़ दिया गया है, सचिव से हलफनामा में मांगा जवाब


बिलासपुर, 22 मार्च (हि.स.)। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अंतर राज्य बस स्टैंड की बदहाली से जुड़े जनहित याचिका पर शनिवार को सुनवाई की है।सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई।चीफ जस्टिस की बैंच ने इस पूरे मामले में सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, छत्तीसगढ़ शासन को इस समाचार के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। जिसमें कहा है कि बस स्टैंड को उपेक्षित एवं वीरान क्यों छोड़ दिया गया है, तथा यह भी बताएं कि बस स्टैंड को चालू करने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं। कोंडागांव नगर निगम आयुक्त के अधिवक्ता को भी निर्देश देते हुए अगली सुनवाई की तिथि से पूर्व अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

इस मामले को 16 अप्रैल, 2025 को सूचीबद्ध किया गया । इस मामले से जुड़ी समाचार रिपोर्ट में बताया गया है कि कोंडागांव में 6.51 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अंतरराज्यीय बस स्टैंड पिछले दो वर्षों से बंद पड़ा है। इस बस स्टैण्ड का दुरुपयोग एवं उपेक्षा की जा रही है और उक्त स्थान असामाजिक तत्वों का सुरक्षित ठिकाना बन गया है। जहां शराब पीने, स्टंट करने, गुंडागर्दी करने जैसे तमाम अवैध कार्य किए जा रहे हैं। रखरखाव के अभाव में उक्त भवन की हालत खराब होने लगी है तथा वह अनुपयोगी पड़ा हुआ है। आगे बताया गया है कि उक्त बस स्टैण्ड में बड़ी डिस्प्ले स्क्रीन लगी हुई है, लेकिन सीसीटीवी निगरानी नहीं होने के कारण बदमाशों को परिसर में तमाम तरह की असामाजिक एवं अवैध गतिविधियां करने का प्रोत्साहन मिल रहा है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेकर कड़ी नाराजगी जताई है।

हिन्दुस्थान समाचार / Upendra Tripathi