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मुंबई, 22 मार्च (हि.सं.)। महाराष्ट्र के श्रीरामपुर के अहिल्या नगर में आदिवासी पारधी समुदाय के राहुल पिंपले और भरत काले की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राहुल की भाभी वैशाली पिंपले और भरत की मां उषाबाई काले का आरोप है कि राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल के करीबी विजय वायकर गिरोह ने दोनों की निर्मम हत्या कर दी. मामले को दबाने के लिए पुलिस पर दबाव डाला जा रहा है। उन्होंने सेवानिवृत्त जजों के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर मामले की जांच कराने और विखे पाटिल के इस्तीफे की मांग की है।
पिंपले और काले का परिवार मुंबई के आजाद मैदान में न्याय की मांग को लेकर अनशन पर बैठा है। उनके समर्थन में कई राजनीतिक दल और संगठन आ गए हैं। उन्होंने आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है. जल्द ही विभिन्न राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों का एक प्रतिनिधि मंडल सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपेगा। भारतीय भटके विमुक्त आदिवासी ओबीसी संघर्ष महासंघ की ओर से शनिवार को प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महासंघ के अध्यक्ष अशोक जाधव धनगांवकर, रिपब्लिकन सेना नेता आनंदराज आंबेडकर, पूर्व मंत्री महादेव जानकर, राष्ट्रीय समाज पार्टी के अध्यक्ष सुरेश माने सहित विभिन्न दलों के नेता और संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले को दबाने के लिए आका विखे पाटील पुलिस पर दबाव डाल रहे हैं. मुख्य आरोपी चार महीने से फरार हैं।
नेताओं ने बताया कि विखे पाटिल के कार्यकर्ता विजय वायकर व उसके गिरोह ने चार महीने पहले गणेश नगर सहकारी शक्कर कारखाने के गेट के सामने राहुल की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इससे पहले उन्होंने राहुल के भांजे भरत की हत्या की थी और उसे एक दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की गई। उनकी हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि उन्होंने रेत तस्करी के लिए अपना ट्रैक्टर नहीं दिया। आका विखे पाटिल के आशीर्वाद से यह गिरोह श्रीरामपुर, राहुरी, राहटा इलाकों में आतंक मचाता है और बड़े पैमाने पर अपने तस्करी के कारोबार को अंजाम देता है। जो उनका विरोध करता है, उसके साथ मारपीट की जाती है और जान से मारने की धमकी दी जाती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार