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चेन्नई, 17 मार्च (हि.स.)। तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष एम. अप्पावु को हटाने के लिए ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) का सोमवार को सदन में लाया गया प्रस्ताव गिर गया। सदन में सत्तारूढ़ डीएमके और उसके सहयोगी दलों के 154 सदस्यों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया, जबकि एआईएडीएमके के 63 सदस्यों ने इसका समर्थन किया।
दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष अप्पावु पर पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्य करने के आरोप लगे थे। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अध्यक्ष का बचाव किया। सदन में विपक्ष के नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने मत विभाजन पर जोर देते। आखिर में प्रस्ताव पर मत विभाजन हुआ और
विधानसभा अध्यक्ष एम. अप्पावु काे हटाने का प्रस्ताव गिर गया।
एआईएडीएमके ने विधानसभा अध्यक्ष अप्पावु के खिलाफ प्रस्ताव पेश करते हुए आरोप लगाया था कि वह पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रहे हैं और सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों का पक्ष ले रहे हैं। विपक्षी दल ने अध्यक्ष पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उन्हें अपनी विचारधारा रखने और मुद्दे उठाने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं दिया जाता तथा उनका रवैया डीएमके के प्रति पक्षपातपूर्ण रहता है। इस प्रस्ताव पर बहस के दौरान विपक्ष के नेता एडप्पाडी के. पलानीस्वामी ने अध्यक्ष अप्पावु पर पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्य करने और सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों का पक्ष लेने का आरोप लगाया।
इस पर मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने अध्यक्ष का बचाव करते हुए कहा कि अप्पावु ने निष्पक्षता से काम किया है और विपक्षी सदस्यों को उदारतापूर्वक अवसर दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अन्नाद्रमुक ने अपनी पार्टी के अंदरूनी झगड़ों से ध्यान हटाने के लिए यह प्रस्ताव लाया है। बहस के बाद उपसभापति के.पीचंडी ने ध्वनिमत से घोषणा की कि प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया है। हालांकि, जब पलानीस्वामी ने मत विभाजन पर जोर दिया तो उपसभापति ने सदन के सभी प्रवेश द्वार बंद करने का आदेश दिया और यह सुनिश्चित किया कि प्रक्रिया के दौरान कोई भी सदस्य सदन से बाहर न जाए या अंदर न आए। इसके बाद हुए मत विभाजन की अंतिम गणना में प्रस्ताव के विरुद्ध 154 तथा समर्थन में 63 मत पाए गए, जिससे प्रस्ताव आधिकारिक रूप से गिर गया। प्रस्ताव गिरने की घोषणा के बाद अध्यक्ष एम. अप्पावु ने परिणाम पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मैं आज के दिन अध्यक्ष चुने जाने से भी अधिक खुश हूं। उन्होंने बताया कि सदन में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय उन्होंने हमेशा निष्पक्षता बनाए रखी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ आर बी चौधरी