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—गंगा घाटों के सौन्दर्यीकरण के लिए 41.23 करोड़ की विभिन्न परियोजना स्वीकृत,उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने 16 करोड़ रुपए जारी भी किए
वाराणसी,17 मार्च (हि.स.)। उत्तर वाहिनी गंगा के घाटों की तस्वीर शीघ्र ही बदली नजर आएगी। ऐतिहासिक गंगा के पथरीले घाटों में प्रसिद्ध अस्सीघाट पर एक भव्य वीआईपी मंडप भी बनाया जाएगा। इस मंडप में विशिष्ट अतिथियों और श्रद्धालुओं को विशेष सुविधाएं दी जाएंगी। घाटों के सौन्दर्यीकरण के लिए 41.23 करोड़ रूपये की विभिन्न परियोजनायें स्वीकृत हुई है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने इन परियोजनाओं को मंजूर कर 16 करोड़ रुपए भी जारी कर दिए।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह के अनुसार गंगाघाटों के विकास कार्यों का उद्देश्य देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक विशिष्ट अनुभव प्रदान करना है। घाटों के पुनरोद्धार से उनकी धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सुन्दरता बनी रहेगी, साथ ही आधुनिक सुविधाएं भी जुड़ेंगी। इन योजनाओं के तहत वाराणसी के प्रमुख घाटों पर ढांचागत विकास, सौंदर्यीकरण और अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जाएगा।
—दशाश्वमेध घाट के जीर्णाेद्धार और पर्यटन सुविधाओं के लिए 8.28 करोड़ की धनराशि
दशाश्वमेध घाट के जीर्णाेद्धार और पर्यटन सुविधाओं के लिए लगभग 8.28 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृति की गई है, जिसमें 03 करोड़ रुपए जारी किये गये हैं। नमो घाट पर पर्यटन सुविधाओं के लिए लगभग 06.18 करोड़ रुपए, जिनमें 02.50 करोड़ रुपए जारी किये गये हैं। पर्यटन मंत्री के अनुसार अस्सी से संत रविदास घाट-घाटों के जीर्णाेद्धार एवं विकास के लिए लगभग 08.25 करोड़ रुपए, जिनमें 03 करोड़ रुपए जारी किये गये हैं। अस्सी घाट-पुनरोद्धार कार्यों के लिए लगभग 06.21 करोड़ रुपए, जिसमें 2.50 करोड़ रुपए जारी किये गये हैं। अस्सी घाट से दशाश्वमेध घाट-संपूर्ण मार्ग पर पर्यटन सुविधाओं के विस्तार के लिए लगभग 06.15 करोड़ रुपए, जिनमें से 02.50 करोड़ रुपए जारी, दशाश्वमेध घाट से काशी विश्वनाथ मंदिर घाट के मध्य घाटों का जीर्णाेद्धार तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु लगभग 06.16 करोड़ रुपए, जिनमें से 02.50 करोड़ रुपए जारी किये गये हैं। जयवीर सिंह ने बताया कि इन परियोजनाओं के तहत घाटों पर आरती स्थल, पूजन स्थल, श्रद्धालुओं के लिए बैठने की सुविधाएं, संपर्क मार्गों का सुधार, पत्थर की कलाकृतियां, साइनेज आदि लगाए जाएंगे। पर्यटन मंत्री ने बताया कि वाराणसी आध्यात्मिक नगरी के साथ-साथ विश्व पर्यटन मानचित्र पर भी अपनी विशिष्ट पहचान रखती है। इस परियोजना के तहत घाटों को संवारने के साथ-साथ उन्हें भव्य और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों को यह एक अद्वितीय अनुभव देगा। पर्यटन विभाग की इस पहल से न केवल घाटों की भव्यता में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय व्यापार, तीर्थ यात्रा और पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इन ऐतिहासिक घाटों का कायाकल्प वाराणसी की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को और अधिक समृद्ध करेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी