पीवीयूएनएल के खिलाफ गोलबंद हुए ग्रामीण, रोजगार और विकास की उठाई मांग
Villagers united against PVUNL, raised demand for employment and development
बैठक में शामिल ग्रामीण


रामगढ़, 16 मार्च (हि.स.)। पतरातू पीवीयूएनएल के खिलाफ लबगा गांव के ग्रामीण गोलबंद हुए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि विस्थापन के बाद उस इलाके के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। कंपनी रोजगार और विकास के अवसर से उन्हें दूर रख रही है। लबगा विस्थापित विकास समिति की बैठक रविवार को मां पंचवाहिनी मंदिर प्रांगण में हुई।

बैठक में पीवीयूएलएल-एनटीपीसी पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि पीवीयूएलएल गांव के युवाओं को रोजगार और कंपनी की ओर से चलाए जा रहे प्रशिक्षणों से वंचित कर रहा है। साथ ही गांव में सीएसआर के तहत कोई विकास कार्य नहीं किए जा रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव का 90 प्रतिशत जमीन पतरातु थर्मल बनाने के लिए लिया जा चुका है। इसके बाद भी विकास योजनाओं से गांव को बाहर रखा गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा भेदभाव है। इससे गांव के युवाओं को रोजगार और विकास के अवसरों से दूर रखा जा सके। इस भेदभाव के खिलाफ अब ग्रामीण संघर्ष का मन बना चुके हैं। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जल्द ही स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि की ओर से यदि उचित कार्रवाई नहीं हुई तो बड़े स्तर पर आंदोलन भी किया जाएगा। बैठक में रामेश्वर गोप, लखन मुंडा, नंदलाल महतो, रंजीत यादव, सुरेश गोप, दिपक, अभिषेक, सागर मुंडा, विकास, अशोक, मनोज, अमित, प्रेम, संदीप, नितेश, योगेश, सूरज, संतोष, हंसराज, पंकज, विशाल सहित अन्य ग्रामीण शामिल थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश