पानीपत के धर्म कुंभ में शामिल होंगे एक लाख श्रद्धालु : गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज
पानीपत, 16 मार्च (हि.स.)। पानीपत में मनाया जाने वाले हनुमान जन्मोत्सव में करीब एक लाख श्रद्धालु भाग लेंगे यह वाक्य गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी ने कहे, उन्होंने बताया कि इस वर्ष से हनुमान जन्मोत्सव को पानीपत का धर्म कुंभ के रूप जाना जाएगा, जिसकी घ
पानीपत में मनाए जाने वाले धर्म कुंभ के बैनर के साथ गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज


पानीपत, 16 मार्च (हि.स.)। पानीपत में मनाया जाने वाले हनुमान जन्मोत्सव में करीब एक लाख श्रद्धालु भाग लेंगे यह वाक्य गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी ने कहे, उन्होंने बताया कि इस वर्ष से हनुमान जन्मोत्सव को पानीपत का धर्म कुंभ के रूप जाना जाएगा, जिसकी घोषणा गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने की , हनुमान जन्मोत्सव 2025 की धर्म कुंभ के रूप में घोषणा करते हुए महाराज ने बताया कि

हनुमान जन्मोत्सव इस वर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा की 12 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन हनुमान जी की सवारी पानीपत में बड़े ही भव्य रूप में निकाली जाएगी, शोभा यात्रा शिव मंदिर से साईं बाबा चौक, से होते हुए भीमगोडा मंदिर, सेठी चौक , अमर भवन चौक, पुरबिया घाटी, प्रकटेश्वर शंभू हनुमान मंदिर पर पहुंचेगी। यहां पानीपत की सभी धार्मिक सामाजिक शैक्षणिक संस्थाएं मिल जुल कर इस धर्म कुंभ में शामिल होंगे।

स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि यह आयोजन किसी एक संस्था का न होकर पानीपत की समस्त धार्मिक संस्थाओं का सांझा कार्यक्रम है। उन्होंने जानकारी दी कि पानीपत के हनुमान स्वरूप पूरे विश्व भर में एक अनूठी पहचान रखते हैं, इस लिए इस शोभा यात्रा में एक साथ हजारों हनुमान स्वरूप भाग लेंगे, और पानीपत की सभी 36 बिरादरी बिना भेद भाव के एक साथ एक थाली में भोजन करेंगे तथा

पानीपत में रह रहे विभिन्न प्रदेशों के विभिन्न संस्कृतियों वाले लोग अपनी लोक कलाएं प्रदर्शित करेंगे, इस अवसर पर

लगभग एक लाख श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है। तथा 12 अप्रैल को रात्रि 8 बजे पूरा पानीपत एक साथ सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करेगा, इस कार्यक्रम में पानीपत से जुड़े सभी प्रमुख संत आशीर्वाद देने के लिए मौजूद रहेंगे l

इस अवसर पर रमेश माटl सतबीर गोयल सूरज दूरेजा कृष्णा रेवाड़ी विकास गोयल प्रीतम गुर्जर पं निरंजन पाराशर संजय बंसल आदि मौजूद थे

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल वर्मा