इंदौरः पुलिस से विवाद के बीच बाइक सवार से मारपीट के मामले 200 वकीलों पर एफआईआर
- वकीलों के घर पुलिस ने लगाए नोटिस, थाना प्रभारियों ने भी ब्लैक डीपी लगाकर जताया विरोध इंदौर, 16 मार्च (हि.स.)। इंदौर में हाई कोर्ट के सामने जाम लगाकर हंगामा करने के मामले में वकीलों के विरुद्ध पुलिस ने रविवार को तीन प्रकरण दर्ज किए हैं। राहगीर ने 2
इंदौर में पुलिस और वकीलों के बीच विवाद की तस्वीरें


- वकीलों के घर पुलिस ने लगाए नोटिस, थाना प्रभारियों ने भी ब्लैक डीपी लगाकर जताया विरोध

इंदौर, 16 मार्च (हि.स.)। इंदौर में हाई कोर्ट के सामने जाम लगाकर हंगामा करने के मामले में वकीलों के विरुद्ध पुलिस ने रविवार को तीन प्रकरण दर्ज किए हैं। राहगीर ने 200 वकीलों पर मारपीट का आरोप लगाया है। इसके पूर्व तुकोगंज थाना प्रभारी जितेंद्र यादव ने प्रकरण दर्ज करवाया था। कुछ आवेदन पत्र भी जांच में शामिल किए गए हैं। वहीं, पुलिस ने वकीलों के घर नोटिस चस्पा कर परदेशीपुरा थाने में बयान दर्ज कराने के लिए उपलब्ध होने की बात कही है। इधर, इंदौर के थाना प्रभारियों ने वॉट्सऐप पर ब्लैक डीपी लगाकर विरोध जताया है।

हाई कोर्ट के वकील अरविंद जैन और उनके पुत्र अपूर्व व अर्पित जैन पर परदेशीपुरा थाने में केस दर्ज करने और पुलिसकर्मियों द्वारा अभद्रता करने से नाराज वकील शनिवार को हाई कोर्ट के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। रास्ता रोककर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वाहन चालकों को निकलने नहीं दिया गया। इसी दौरान बाइक सवार देवास के तेजराम पटेल वकीलों की चपेट में आ गया। वकीलों ने तेजराम की गाड़ी रोक ली और निकलने नहीं दिया।

तेजराम के मुताबिक हाई कोर्ट के सामने रास्ता जाम और प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। वकीलों ने शासकीय आदेशों का उल्लंघन किया है। उसने तुकोगंज थाने में आवेदन पेश कर 200 अज्ञात वकीलों के विरुद्ध केस दर्ज करवाया। उधर, रविवार को दोपहर भोई समाज भी मैदान में उतर गया। समाजजन ने परदेशीपुरा थाने का घेराव कर आरोपित वकीलों की गिरफ्तारी की मांग की। इसके बाद तुकोगंज थाने में भी एक युवक की शिकायत पर वकीलों के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई। इस मामले में यह तीसरी एफआईआर है।

पुलिस के मुताबिक होली के दिन गुलाल फेंकने की बात पर राजू भोई के साथ वकीलों ने मारपीट की थी। इस मामले में पुलिस ने पहले आवेदन लिया था। मेडिकल के बाद आरोपियों पर केस दर्ज किया गया था। केस दर्ज होने पर वकीलों ने हाइकोर्ट के सामने शनिवार को जमकर हंगामा किया। पुलिस से उनकी बहस भी हुई। टीआई जितेन्द्र यादव के साथ मारपीट भी की गई। वहीं एसीपी विनोद दीक्षित की भी वर्दी खींची गई। उक्त मामले में टीआई के साथ अभद्रता में वकीलों पर शासकीय कार्य में बाधा का केस दर्ज किया गया। वहीं दूसरी रिपोर्ट पुलिसकर्मी की शिकायत पर बिना अनुमति के प्रदर्शन को लेकर की गई थी।

रविवार शाम करीब 5 बजे स्थानीय रहवासी और भोई समाज के लोग थाने पहुंचे और वकीलों के खिलाफ नारेबाजी की। पीड़ित राजू गौड़ और स्थानीय रहवासियों परदेशीपुरा थाने पर नारेबाजी करते हुए कहा कि वकीलों की तानाशाही नहीं चलेगी। वकीलों ने गुंडागर्दी की है। उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। काफी देर तक रहवासी यहां पर नारे लगाते रहे।

रविवार को इंदौर के सभी थाना प्रभारियों ने अपनी वॉट्सऐप डीपी को ब्लैक कर विरोध जताया। इस मामले में अफसरों ने भी टीआई और पुलिसकर्मियों के साथ हुए व्यवहार को लेकर खेद जताया है। वहीं, रविवार शाम को खजराना निवासी एक युवक जीशान अली तुकोगंज थाने पहुंचा।। उसने बताया कि वह वकीलों के प्रदर्शन के दौरान वहां से जा रहा था। इस दौरान उसके साथ वकीलों ने मारपीट की। इस मामले में व्यक्ति के थाने पहुंचने पर वरिष्ठ पुलिस अफसरों को जानकारी दी गई। उसकी शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर वीडियो की जांच शुरू कर दी है।

नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पूरे घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा है कि कहीं ना कहीं मिस कम्युनिकेशन हुआ है। अधिकारी पहले ही समझ लेते तो ऐसी स्थिति न बनती।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर