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कोलकाता, 15 मार्च (हि. स.)। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी शनिवार को एक बड़ी वर्चुअल बैठक करने जा रहे हैं, जिसमें पार्टी के करीब चार हजार 500 नेता शामिल होंगे। इस बैठक के जरिए लोकसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति और संगठनात्मक तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
इस बैठक में राज्यसभा और लोकसभा के सभी सांसदों को बुलाया गया है। इसके अलावा, तृणमूल के सभी विधायक, नगर निगमों के मेयर, डिप्टी मेयर, चेयरमैन, कोलकाता नगर निगम के सभी पार्षद, जिला परिषद अध्यक्ष और सदस्य, नगर पालिकाओं के चेयरमैन-वाईस चेयरमैन और राज्य समिति के सभी नेता भी मौजूद रहेंगे। साथ ही, छात्र, युवा, मजदूर, किसान, अल्पसंख्यक और महिला संगठनों के जिलाध्यक्षों को भी बैठक में शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं।
हालांकि, इस बैठक से शिक्षक संगठनों को अलग रखा गया है। तृणमूल कांग्रेस के प्राध्यापक, प्राथमिक शिक्षक, विद्यालय शिक्षक और पैरा-टीचरों के संगठनों को बैठक में शामिल नहीं किया गया है। इस फैसले को लेकर पार्टी के अंदर ही कई सवाल उठ रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची की समीक्षा और 2026 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करना है, और इस कार्य में शिक्षकों की भूमिका नहीं होने के कारण उन्हें नहीं बुलाया गया है।
बैठक वर्चुअल के लिए तकनीकी रिहर्सल भी कर लिया गया है। गुरुवार को ही इस बैठक का लिंक सभी प्रतिभागियों को भेज दिया गया था और कमैर्क स्ट्रीट स्थित अभिषेक बनर्जी के दफ्तर से इसका पूर्वाभ्यास भी कर लिया गया था।
करीब एक साल बाद अभिषेक बनर्जी इतनी बड़ी बैठक करने जा रहे हैं। इससे पहले उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले इसी तरह की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें उन्होंने नेताओं को चुनाव और मतगणना केंद्रों में कार्यों को लेकर दिशा-निर्देश दिए थे। बीते कुछ महीनों से अभिषेक की सक्रियता को लेकर पार्टी के भीतर चर्चा हो रही थी, क्योंकि उन्होंने खुद को राज्य संगठन से दूर रखते हुए केवल डायमंड हार्बर पर फोकस किया था।
अब इस महाबैठक को लेकर पार्टी के अंदर भी इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बैठक के जरिए अभिषेक पार्टी के अंदरूनी समीकरणों को संतुलित करने और यह संदेश देने की कोशिश करेंगे कि वह पूरी तरह सक्रिय हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर