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जयपुर, 14 मार्च (हि.स.)। राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से प्रदेशभर में मौसम का मिजाज बदल गया है। गुरुवार दोपहर बाद जयपुर, सीकर, भरतपुर, दौसा, अलवर, बीकानेर और चूरू समेत कई जिलों में बारिश हुई, जबकि चौमूं (जयपुर), कोटपूतली-बहरोड़ और बानसूर में ओलावृष्टि देखने को मिली। मौसम विभाग ने शुक्रवार को 8 जिलों और 15 मार्च को 11 जिलों में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
बारिश और आंधी के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में तापमान में 1 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को सभी शहरों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। चित्तौड़गढ़ में सबसे अधिक 39.7 डिग्री और कोटा में 39.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। वर्षा के आंकड़ों की बात करें तो सीकर में सबसे अधिक 8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि अलवर में 2.4 मिमी पानी गिरा। जयपुर, बीकानेर, चूरू और भरतपुर में भी दोपहर बाद हल्की से मध्यम बारिश हुई।
मौसम में अचानक आए इस बदलाव से प्रदेशभर के किसानों की चिंता बढ़ गई है। वर्तमान में रबी फसलें (गेहूं, सरसों, तारामीरा, चना) पककर तैयार हैं और कई जगहों पर कटाई का कार्य भी जारी है। वहीं, कई जिलों की मंडियों में फसलें खुले में रखी गई हैं, जिससे उनके गीले होने और खराब होने की संभावना बढ़ गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र, जयपुर ने शुक्रवार को 8 जिलों में तेज हवा, बारिश और ओलावृष्टि का येलो अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चलने की संभावना जताई गई है। 15 मार्च को यह प्रभाव 11 जिलों में देखने को मिलेगा, लेकिन 16 मार्च से इस सिस्टम का असर खत्म होने लगेगा और प्रदेश में मौसम फिर से साफ हो जाएगा।
प्रदेशभर में बदले मौसम के कारण जहां गर्मी से राहत मिली है, वहीं किसानों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है। प्रशासन ने किसानों को सतर्क रहने और फसलों को सुरक्षित स्थानों पर रखने की सलाह दी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल