मारवाड़ी समुदाय की महिलाओं ने होलिका को कच्चा धागा बांध किया परिक्रमा
दुमका, 13 मार्च (हि.स.)। उपराधानी में होली की धूम मची है। शहर के विभिन्न चौक चौराहे पर होलिका दहन की व्यवस्था की गई है। विभिन्न मुहल्ले में होलिका दहन के लिए लोग सुखी लकड़ी आदि एकत्रित कर होली से पूर्व होलिका दहन में जुटे हैं। होलिका दहन खासतौर पर मार
होलिका दहन से पूर्व पूजा-अर्चना करती महिलाएं


दुमका, 13 मार्च (हि.स.)। उपराधानी में होली की धूम मची है। शहर के विभिन्न चौक चौराहे पर होलिका दहन की व्यवस्था की गई है। विभिन्न मुहल्ले में होलिका दहन के लिए लोग सुखी लकड़ी आदि एकत्रित कर होली से पूर्व होलिका दहन में जुटे हैं। होलिका दहन खासतौर पर मारवाड़ी समुदाय के लोग अलग ही अंदाज में मनाते हैं। मारवाड़ी चौक पर होलिका दहन की तैयारी पूरी कर ली गई है। लोग अपने-अपने घरों से गोबर के उपले बना एक जगह इक्कठा करते हैं। इसके बाद पूरे नेम-निष्ठा से सज-धज कर महिलाएं परिक्रमा आदि कर कच्चा धागा से जमा होलिका का पूजा-अर्चना करते हैं। देर रात होलिका दहन कर बुराई पर अच्छाई का विजय का प्रतिक के रूप में आग जलाते हैं।

गौरतलब हो कि पंचांग देख कर कार्य करने की परंपरा हिंदू धर्म में सनातन काल से चली आ रही है। फाल्गुन पूर्णिमा तिथि और होलिका दहन है। गुरुवार का दिन होने से होलिका दहन का महत्व बढ़ गया है। धार्मिक मान्यता है कि होलिका दहन के दर्शन से शनि-राहु-केतु के दोषों से शांति मिलती है। होली की भस्म का टीका लगाने से नजर दोष, प्रेतबाधा दूर रहती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / नीरज कुमार