रोज वैली चिटफंड घोटाले की जब्त जमीन पर अतिक्रमण, ईडी ने बंगाल सरकार को दी सख्त चेतावनी
कोलकाता, 13 मार्च (हि. स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक आधिकारिक पत्र भेजकर रोज वैली ग्रुप की जब्त की गई जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर सख्त चेतावनी दी है। यह वही जमीन है, जिसे चिटफंड घोटाले में जब्त किया गया था और अब इसके जर
रोज वैली ग्रुप


कोलकाता, 13 मार्च (हि. स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक आधिकारिक पत्र भेजकर रोज वैली ग्रुप की जब्त की गई जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर सख्त चेतावनी दी है। यह वही जमीन है, जिसे चिटफंड घोटाले में जब्त किया गया था और अब इसके जरिए निवेशकों का पैसा लौटाने की प्रक्रिया चल रही है।

ईडी ने इस मामले में राज्य सरकार से तुरंत कार्रवाई करने और जब्त संपत्तियों को अतिक्रमण से मुक्त कराने की मांग की है। इस पत्र पर सिर्फ ईडी ही नहीं, बल्कि संपत्ति निपटान समिति (एसेट डिस्पोजल कमेटी) के भी हस्ताक्षर हैं, जिसे निवेशकों को पैसे लौटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सूत्रों के अनुसार, केवल पश्चिम बंगाल ही नहीं, बल्कि ओडिशा, बिहार, त्रिपुरा और झारखंड समेत कई अन्य राज्यों में भी रोज वैली ग्रुप की जब्त जमीन पर अतिक्रमण की शिकायतें मिली हैं। ईडी ने इन राज्यों को भी इसी तरह का पत्र भेजकर चेतावनी दी है और सरकारों से उचित कार्रवाई करने को कहा है।

ईडी ने पिछले महीने घोषणा की थी कि रोज वैली ग्रुप के पोंजी स्कीम में फंसे तीन हजार 652 निवेशकों को कुल 2.29 करोड़ रुपये (2,29,63,264) की राशि लौटाई गई है। यह पांचवें और अंतिम चरण का भुगतान था, जो सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति दिलीप कुमार सेठ की अध्यक्षता वाली संपत्ति निपटान समिति द्वारा किया गया।

इसके साथ ही, अब तक कुल 32 हजार 319 निवेशकों को 21.98 करोड़ रुपये (21,98,26,744) वापस किए जा चुके हैं। ईडी ने यह भी बताया कि भविष्य में और अधिक निवेशकों को उनकी राशि लौटाने की प्रक्रिया जारी रहेगी, क्योंकि अधिक से अधिक दावों की जांच और सत्यापन किया जा रहा है।

ईडी के अनुसार, अब तक 494 करोड़ की चल संपत्तियां और 1,069 करोड़ की अचल संपत्तियां जब्त की गई हैं। इनमें अकेले पश्चिम बंगाल में ही एक हजार 184 करोड़ की संपत्तियां जब्त की गई हैं, जबकि ओडिशा, असम और त्रिपुरा में भी बड़ी मात्रा में संपत्तियां जब्त की गई हैं।

ईडी का कहना है कि रोज वैली घोटाले से जुड़े दोषियों पर शिकंजा कसने और निवेशकों को न्याय दिलाने के लिए यह कार्रवाई तेज की जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर