ब्रज की तर्ज पर दिव्यांग बच्चों की होली ने मोहा मन : जिलाधिकारी
-डीएम की पत्नी रश्मि सिंह ने भी की शिरकत, बच्चों का बढ़ाया हौसला
जिलाधिकारी ने दिव्यांग बच्चों के साथ मनाई होली


कानपुर ,13 मार्च (हि. स.)। यह दिव्यांग बच्चे, जिन्हें हम 'स्पेशल चिल्ड्रन' भी कहते हैं,इन सभी बच्चों में अलग-अलग स्पेशल प्रतिभाएं भी छिपी हुई है, जिसे आज हम सब ने मिलकर देखा। ये बच्चे सामान्य बच्चों से अधिक प्रतिभावान है, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से होली कार्यक्रम को बहुत ही रोमांचकारी व अद्भुत बना दिया। यह बातें गुरूवार को जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने दिव्यांग बच्चों संग होली मनाने के दौरान कही।

जिलाधिकारी ने कहा कि बृज की होली की तर्ज पर आज स्पास्टिक केंद्र, कानपुर के दिव्यांग बच्चों ने होली के अवसर पर रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति की। जूनियर कक्षा के छात्र पार्थ श्रीवास्तव ने वाद्य यंत्र बजाकर मन मोह लिया जिसने 'बलम पिचकारी जो तूने मुझे मारी' की धुन बजाकर समा बांध दी। पार्थ अच्छा तबला वादक भी है, जो दिव्यांग होते हुए भी उसकी विलक्षण प्रतिभा को दिखाता है। वहीं, संस्था के सीनियर दिव्यांग छात्रों द्वारा एक जीवंत नृत्य 'बृज की होली' की प्रस्तुति की गई।

जिलाधिकारी ने बताया कि प्री स्कूल के बच्चों ने अपनी नृत्य कला का बेहतरीन प्रदर्शन किया। बच्चों ने भगवान कृष्ण, राधा और उनके भक्तों के बीच के प्रेम को अपने नृत्य में दिखाने का अद्भुत प्रयास किया। बच्चों ने एक जीवंत और रंगीन होली गीत 'होरी खेले रघुवीरा अवध में- होरी खेले रघुवीरा' के गीत पर जमकर थिरके। दिव्यांग तरुण के होली गीत 'होली आई रे रंग बिरंगी होली आई रे' जिसका दर्शकों ने जमकर आनन्द लिया। कार्यक्रम के अंत में बच्चों द्वारा गाये गये गीत ' मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास, होगी शांति चारों ओर ', से इन अनोखी प्रस्तुतियों का समापन हुआ।

वहीं,जिलाधिकारी ने अपनी पत्नी रश्मि सिंह के साथ बच्चों को होली के कपड़े, रंग व पिचकारी भेंट किया। साथ ही, बच्चों से बात कर उन्हें मार्गदर्शन देते हुए उन्हें उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं भी दीं।

उन्होंने कहा कि इन बच्चों की आंखों में आशाएं, चैलेंज और अवसर के साथ-साथ जश्न भी है। इन बच्चों के अभिभावक भी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने जिम्मेदारी के साथ इन बच्चों की परवरिश की और इन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया। इन बच्चों ने कानपुर की संस्कृति, जीवंतता और समानता को अपनी कला कौशल से बखूबी उकेरा।

हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद