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- घायलों को गोल्डन आवर में बचाने वालों को 5 हजार रु पुरस्कार देती है सरकार
- जान बचाने वालों के विरुद्ध न कोई कानूनी कार्रवाई, न पूछताछ करती है पुलिस
अहमदाबाद, 13 मार्च (हि.स.)। गुजरात में पिछले 2 साल में घायलों को गोल्डन आवर में बचाने वालों 43 'गुड समरिटरन' को सरकार की ओर से 2 लाख रुपये से सम्मानित किया गया है। प्रत्येक गुड सेमेरिटन को जिला स्तर पर कलेक्टर द्वारा 'गुड सेमेरिटन' प्रमाणपत्र भी दिया जाता है। वर्ष के अंत में सर्वश्रेष्ठ 10 'गुड समरिटरन' को राष्ट्रीय स्तर पर एक लाख रुपये का नगद पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।
'गुड सेमेरिटन' योजना के तहत नागरिकों को सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने, उनकी जान बचाने और दूसरों को प्रेरित करने के लिए सम्मानित किया जाता है। इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में गोल्डन ऑवर के दौरान किसी घायल व्यक्ति की मदद करने पर 5000 रुपये नकद पुरस्कार और प्रमाणपत्र दिया जाता है। राज्य सरकार के अनुसार गुजरात में पिछले 2 वर्षों में विभिन्न जिलों में गुड सेमेरिटन का उम्दा कार्य करने वाले कुल 43 नागरिकों को 2 लाख रुपये नकद पुरस्कार और प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है।
देश में हर साल बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें कई लोगों की जान चली जाती है। पिछले 10 सालों में लगभग 15 लाख से ज्यादा लोग सड़क हादसों का शिकार हो चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक देश में 75 प्रतिशत लोग पुलिस और अस्पताल की पूछताछ और कानूनी कार्यवाही के डर से सड़क पर किसी दुर्घटना पीड़ित की मदद करने की हिम्मत नहीं करते। भारतीय विधि आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार 40 प्रतिशत मौतें समय पर इलाज न मिलने के कारण होती हैं। यदि सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाया जाए तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। वह व्यक्ति जो सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को सुनहरे घंटे के दौरान अस्पताल या ट्रॉमा-केयर सेंटर तक पहुंचाता है, उसे 'गुड समरिटरन' के रूप में जाना जाता है।
गोल्डन आवर का मतलब है सड़क दुर्घटना के बाद का पहला एक घंटा जिसमें घायल व्यक्ति को तुरंत चिकित्सा मिल जाए तो उसकी मृत्यु को काफी हद तक टाला जा सकता है। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को उपचार के दौरान बड़ी सर्जरी, मस्तिष्क में चोट, कम-से-कम तीन दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने की आवश्यकता होती है। रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट या सुरक्षित उपचार के दौरान मृत्यु जैसी किसी भी स्थिति को घातक दुर्घटना कहा जाता है। इसके लिए अस्पताल द्वारा घातक दुर्घटना प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।
केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय-एमओआरटीएच विभाग द्वारा गुड सेमेरिटन को पुरस्कार देने की योजना वर्ष 2021 से लागू की गई है। इस योजना के तहत, जब एक से अधिक 'गुड सेमेरिटन' सड़क दुर्घटना में किसी व्यक्ति की जान बचाते हैं तो 5,000 रुपये उनके बीच समान रूप से विभाजित किया जाता है। एक 'गुड सेमेरिटन' को इस योजना से एक वर्ष में अधिकतम 5 बार लाभान्वित किया जा सकता है। वर्ष के अंत में 10 सर्वश्रेष्ठ 'गुड सेमेरिटन'को राष्ट्रीय स्तर पर एक लाख रुपये के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। प्रत्येक गुड सेमेरिटन को जिला स्तर पर कलेक्टर द्वारा 'गुड सेमेरिटन' प्रमाणपत्र भी दिया जाता है। मोटर वाहन अधिनियम-2019 के अनुसार 'गुड सेमेरिटन'को कानूनी सुरक्षा प्रदान की जाती है। इस अधिनियम के तहत, 'गुड सेमेरिटन'के खिलाफ कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं की जा सकती है और न ही उन्हें किसी पुलिस अधिकारी या अस्पताल द्वारा किसी भी प्रकार की पूछताछ के लिए रोका जा सकता है। गुड सेमेरिटन द्वारा स्वेच्छा से प्रदान की गई जानकारी का उपयोग केवल इस योजना के तहत पुरस्कार प्रक्रिया के लिए किया जाता है।
जब कोई 'गुड सेमेरिटन' किसी सड़क दुर्घटना पीड़ित की मदद करता है तो इसकी सूचना पुलिस या डॉक्टर को दी जानी चाहिए। डॉक्टर से विवरण की पुष्टि करने के बाद पुलिस के आधिकारिक लेटरपैड पर नेक सेमेरिटन का नाम, मोबाइल नंबर, पता, दुर्घटना का स्थान, दिनांक, घटना का समय और गोल्डन ऑवर में घायल व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने में मदद करके कैसे जान बचाई गई, इसके सम्पूर्ण विवरण के साथ जिला स्तर की मूल्यांकन समिति के तय नमूने में भरकर भेजा जाता है। जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में एक मूल्यांकन समिति मासिक आधार पर गुड सेमेरिटन प्रस्तावों की समीक्षा करती है और दुर्घटना के गोल्डन पीरियड में मददगारों की सूची तैयार करती है। इस 'गुड सेमेरिटन' को 5,000 रुपये के नकद पुरस्कार के साथ सम्मानित किया जाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय