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कोलकाता, 11 मार्च (हि.स.) । पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को उस वक्त भारी हंगामा हुआ जब भाजपा विधायकों ने अध्यक्ष विमान बनर्जी के फैसले के खिलाफ विरोध जताते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। दरअसल, भाजपा विधायकों को विधानसभा से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाने पर विवाद खड़ा हो गया।
हंगामा तब शुरू हुआ जब अध्यक्ष ने भाजपा विधायकों द्वारा राज्य में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा के लिए लाए गए स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। अध्यक्ष विमान बनर्जी ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही सदन में चर्चा हो चुकी है, इसलिए दोबारा चर्चा की आवश्यकता नहीं है।
इस फैसले से नाराज भाजपा विधायकों ने सदन के भीतर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कुछ भाजपा विधायक वेल में उतर आए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। विरोध के दौरान कुछ विधायकों ने विधानसभा में वितरित दस्तावेजों को फाड़ दिया।
इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अध्यक्ष ने घोषणा की कि अब से भाजपा विधायकों को सत्र के दौरान कोई भी आधिकारिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। इस फैसले से भाजपा विधायकों का गुस्सा और भड़क गया, जिसके बाद उन्होंने सदन से वाकआउट कर दिया और विधानसभा परिसर में धरना देने लगे।
विधानसभा से बाहर पत्रकारों से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने अध्यक्ष के इस फैसले की निंदा करते हुए इसे अभूतपूर्व और असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने कहा, यह विपक्ष की आवाज को दबाने की एक खुली साजिश है। पहले कभी किसी विधानसभा अध्यक्ष ने ऐसा तानाशाही भरा कदम नहीं उठाया कि विपक्षी विधायकों को विधानसभा दस्तावेज ही न दिए जाएं।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा इस फैसले के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, अब हम हर दिन अपने कागज लेकर आएंगे और विरोधस्वरूप उन्हें फाड़ेंगे। अध्यक्ष के अलोकतांत्रिक फैसले के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
भाजपा विधायकों के इस विरोध प्रदर्शन ने पश्चिम बंगाल में पहले से जारी तृणमूल कांग्रेस और विपक्ष के बीच राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर