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गुवाहाटी, 11 मार्च (हि.स.)। असम प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के गतिशील, सक्रिय और दूरदर्शी नेतृत्व में असम सरकार ने समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। गरीब से गरीब व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के साथ-साथ राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी कड़ी में असम सरकार ने अब अंतरिक्ष में अपना स्वयं का उपग्रह प्रक्षेपित करने का निर्णय लिया है। यह क्रांतिकारी पहल बाढ़ नियंत्रण, कृषि निगरानी और सीमावर्ती मुद्दों के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस उपग्रह प्रणाली के माध्यम से असम प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी और प्रबंधन में सक्षम होगा, जिससे राज्य की प्रगति को नई गति मिलेगी।
इस ऐतिहासिक कदम के साथ असम भारत का पहला राज्य बन गया है, जिसने अपना उपग्रह प्रक्षेपण करने की पहल की है। यह असम को देश के सबसे तेजी से विकसित हो रहे शीर्ष पांच राज्यों की श्रेणी में स्थान दिलाता है। यह उपलब्धि प्रत्येक असमिया नागरिक के लिए गर्व का विषय है।
मंगलवार को भाजपा असम प्रदेश प्रवक्ता कल्याण गोगोई ने एक जारी बयान बताया कि 2015-16 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में असम का पूंजीगत व्यय केवल तीन हजार करोड़ रुपये था। लेकिन 2016-17 में भाजपा सरकार बनने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर ₹24,000 करोड़ हो गया है। इस वृद्धि ने असम में अभूतपूर्व विकास को रेखांकित किया है, जिससे राज्य में एकता और समृद्धि को मजबूती मिली है।
भाजपा का मिशन केवल चुनावी जीत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य आत्मनिर्भर, समृद्ध, सशक्त और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध असम का निर्माण करना है। अरुणोदय, निजुत मोइना, महिला उद्यमिता योजना और मुख्यमंत्री आत्मनिर्भर योजना जैसी पहलों के माध्यम से मोरान, मटक, चाय जनजाति, बोड़ो और कोच-राजबोंगशी समुदायों को सशक्त किया जा रहा है, जिससे वे स्वाभिमान के साथ आत्मनिर्भर बन सकें। असम की सांस्कृतिक पहचान को भी वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है, जहां बिहू, झुमर, बागरुम्बा और देवध्वनि जैसे पारंपरिक नृत्य विश्व रिकॉर्ड बनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने कहा कि वित्त मंत्री अजंता नियोग द्वारा कल पेश किया गया 2025-26 का बजट एक समावेशी और ऐतिहासिक बजट है। यह समाज के सभी वर्गों, धार्मिक और भाषाई समूहों के लोगों को लाभान्वित करेगा। बजट में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उत्थान के साथ-साथ असम की आध्यात्मिक धरोहर को संजोने के लिए 25 हजार से अधिक नामघरों (वैष्णव प्रार्थना स्थल) और अन्य धार्मिक संस्थानों के लिए वित्तीय सहायता का भी प्रावधान किया गया है।
यह बजट सुनिश्चित करता है कि राज्य के किसी भी समुदाय को इसके लाभ से वंचित न रखा जाए। ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति पर चलते हुए भाजपा सरकार ने हमेशा सभी नागरिकों के कल्याण के लिए कार्य किया है। अरुणोदय, पीएम आवास योजना, पीएम किसान और निजुत मोइना जैसी योजनाओं का लाभ बिना किसी धार्मिक भेदभाव के दिया जा रहा है। यह इस तथ्य से स्पष्ट होता है कि बरपेटा, धुबड़ी और मोरीगांव जैसे अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में भी नागरिक इन योजनाओं से समान रूप से लाभान्वित हो रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश