ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप 2025: चुनौतियों से जूझते भारतीय शटलरों के लिए कठिन परीक्षा
नई दिल्ली, 11 मार्च (हि.स.)। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए इस बार का ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप बेहद कठिन साबित हो सकता है। चोटों, फिटनेस समस्याओं और खराब फॉर्म के कारण भारतीय शटलरों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रकाश पादुकोण (1980) और
पीवी सिंधु


नई दिल्ली, 11 मार्च (हि.स.)। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए इस बार का ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप बेहद कठिन साबित हो सकता है। चोटों, फिटनेस समस्याओं और खराब फॉर्म के कारण भारतीय शटलरों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रकाश पादुकोण (1980) और पुलेला गोपीचंद (2001) की ऐतिहासिक जीत के बाद से अब तक कोई भी भारतीय खिलाड़ी इस प्रतिष्ठित खिताब को नहीं जीत पाया है।

हालांकि, पीवी सिंधु, साइना नेहवाल और किदांबी श्रीकांत जैसे दिग्गजों ने विश्व स्तर पर कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन ऑल इंग्लैंड ओपन का ताज अब भी भारतीयों की पहुंच से दूर बना हुआ है।

चोटों और खराब फॉर्म ने बढ़ाई मुश्किलें

इस साल भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पी. वी. सिंधु चोट से उबरकर वापसी कर रही हैं। एच. एस. प्रणय चिकनगुनिया के कारण लय में नहीं हैं।

लक्ष्य सेन खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी हाल ही में अपने पिता को खोने के बाद मानसिक रूप से कठिन दौर से गुजर रहे हैं।

सिंधु दो बार की ओलंपिक पदक विजेता हैं, लेकिन हमस्ट्रिंग इंजरी के कारण पिछले महीने एशिया मिक्स्ड टीम चैंपियनशिप से बाहर हो गई थीं। अब वह पूरी तरह से फिट हैं और कोरियाई खिलाड़ी गा उन किम के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगी। दूसरे दौर में उनका मुकाबला चीन की हान यूए से हो सकता है, जबकि क्वार्टरफाइनल में इंडोनेशिया की ग्रेगोरिया मारिस्का तुंजुंग बड़ी चुनौती पेश कर सकती हैं।

लक्ष्य सेन के लिए कठिन ड्रा

लक्ष्य सेन, जो पिछले साल सेमीफाइनल तक पहुंचे थे, इस बार खराब फॉर्म में हैं। 23 वर्षीय लक्ष्य जापान के कोकी वतनबे के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। अगर वह यह मुकाबला जीतते हैं, तो दूसरे दौर में इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी से भिड़ सकते हैं।

एच. एस. प्रणय, जो वर्ल्ड नंबर 30 पर फिसल चुके हैं, पहले दौर में फ्रांस के टोमा जूनियर पोपोव से भिड़ेंगे।

पुरुष डबल्स में भारत की उम्मीदें

एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सात्विकसाईराज और चिराग शेट्टी भारत की सबसे बड़ी उम्मीद होंगे। यह जोड़ी डेनमार्क के डेनियल लुंडगार्ड और मैड्स वेस्टेगार्ड के खिलाफ अपना अभियान शुरू करेगी।

महिला डबल्स में भारत की मजबूत चुनौती

महिला डबल्स में वर्ल्ड नंबर 9 ट्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद अपने पहले मुकाबले में चीनी ताइपे की शुओ युन सुंग और चिएन हुई यू की जोड़ी से भिड़ेंगी।

अश्विनी पोनप्पा और तनिशा क्रास्टो का सामना ताइपे की पेई शान ह्सी और एन-त्ज़ू हंग से होगा। अन्य मुकाबलों में मालविका बंसोड़ सिंगापुर की जिया मिन यो से भिड़ेंगी।

मिक्स्ड डबल्स में भारत की तीन जोड़ियां

मिक्स्ड डबल्स में भारत की तीन जोड़ियां चुनौती पेश करेंगी, रोहन कपूर और रुत्विका शिवानी गड्डे, ध्रुव कपिला और तनिशा क्रास्टो व सतीश करुणाकरण और आद्या वरियाथ।

भारतीय शटलरों के लिए इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में जीत की राह आसान नहीं होगी, लेकिन वे अपनी पूरी कोशिश के साथ कोर्ट पर उतरेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे