नमो सखी संगम मेला : पहले ही दिन उर्मिला के ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की 25 हजार रुपये की बिक्री
• कच्छ के दयापर की उर्मिला के लिए भावनगर का मेला बना यादगार भावनगर, 10 मार्च (हि.स.)। मुझे गर्व है कि मैं नारी शक्ति हूं। अगर हमें सही प्लेटफॉर्म मिले तो हम भी बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं, ये शब्द हैं नमो सखी संगम मेले में भाग लेने वाली कच्छ के ल
भावनगर में आयोजित नमो सखी संगम मेला में अपनी सफलता की कहानी बयां करती उर्मिला बेन।


• कच्छ के दयापर की उर्मिला के लिए भावनगर का मेला बना यादगार

भावनगर, 10 मार्च (हि.स.)। मुझे गर्व है कि मैं नारी शक्ति हूं। अगर हमें सही प्लेटफॉर्म मिले तो हम भी बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं, ये शब्द हैं नमो सखी संगम मेले में भाग लेने वाली कच्छ के लखपत तहसील के दयापर गांव से आईं उर्मिला जाडेजा के।

भावनगर के जवाहर मैदान में 9 से 12 मार्च तक आयोजित नमो सखी संगम मेला का सोमवार को दूसरा दिन था। इसमें स्वयं सहायता समूहों को 100 से अधिक स्टॉल्स निःशुल्क उपलब्ध कराए गए हैं और जहां समूह की महिलाओं द्वारा स्वरोजगार के तहत बनाए गए घरेलू उत्पाद का बिक्री की जा रही है। उर्मिला आशापुरा मां सखी मंडल की सदस्य हैं। पहले ही दिन मिली इस सफलता पर वे अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहती हैं, हम जाडेजा हैं, इसलिए बाहर निकलना हमारे लिए थोड़ा मुश्किल होता है। मैं सिर्फ चौथी तक पढ़ी हूं, तो कर भी क्या सकती हूं! लेकिन कुछ कर दिखाने की अदम्य इच्छा शक्ति और सही मार्गदर्शन मिल जाए तो परिणाम कुछ अलग ही होते हैं।

उर्मिला कहती हैं, हमारे पास आठ एकड़ जमीन है, जिसमें हम सिर्फ ऑर्गेनिक मूंग, मोठ, मक्का और ज्वार की खेती करते हैं। उनसे हम मेथी से गाठिया, मोठ से पास्ता, मूंग से वटकी, मक्का से शक्कर पारा और चिप्स बनाते हैं। वो भी तेल में नहीं, रेत या नमक में फ्राई करके। इसलिए जो लोग हमारे प्रोडक्ट्स खरीदते हैं, उनकी सेहत भी बनी रहती है। पर ये हमारी शुरुआत थी, तो धीरे-धीरे हम अपने तरीके से प्रोडक्ट्स बेचते थे।

उर्मिला आगे कहती हैं, हमारे ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स होने से बिक्री आसानी से हो जाती थी, लेकिन हमारे पास ऐसा कोई प्लेटफॉर्म नहीं था, इसलिए हमारा काम हमारे क्षेत्र तक ही सीमित था। तभी हमें खबर मिली कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी के मार्गदर्शन और केंद्रीय मंत्री निमुबेन बांभणिया के नेतृत्व में भावनगर में चार दिवसीय नमो सखी संगम मेले का भव्य आयोजन हो रहा है और वो भी बिना किसी शुल्क के स्टॉल मिल रहे हैं। यह मेरे लिए एक बड़ा अवसर था, जिसका मैंने मौके का लाभ उठाया और पहले ही दिन मुझे 25 हजार रुपये की बिक्री हुई।

आगे अपनी खुशी जाहिर करते हुए उर्मिला कहती हैं, मैं जितने प्रोडक्ट्स चार दिन चलाने के लिए लाई थी, वो आज या कल तक ही खत्म हो जाएंगे। यानी चार दिन से पहले ही मेरी सभी चीजें बिक जाएंगी। यह मेरी सफलता नहीं तो और क्या है! यह कहते हुए उन्होंने सरकार और नमो सखी संगम मेले के सभी आयोजकों का आभार व्यक्त किया।

उर्मिला सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बात करते हुए कहती हैं, हमें सरकार की सभी योजनाओं का लाभ लेना चाहिए। हमारे आशापुरा मां सखी मंडल में हमने मिलकर कुल साढ़े तीन लाख का लोन लिया है, जो हमारे लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय