बिजली बोर्ड में 700 पद खत्म करना सरकार का तानाशाही फैसला : राकेश जम्वाल
धर्मशाला, 05 फ़रवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राकेश जम्वाल ने कांग्रेस सरकार के बिजली बोर्ड में 700 पदों को समाप्त करने के फैसले को तानाशाही फैसला करार दिया है। उन्होंने सुक्खू सरकार पर हमला बोलते हुए इस फैसले को हजारों परिवारों प
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राकेश जंबाल।


धर्मशाला, 05 फ़रवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राकेश जम्वाल ने कांग्रेस सरकार के बिजली बोर्ड में 700 पदों को समाप्त करने के फैसले को तानाशाही फैसला करार दिया है। उन्होंने सुक्खू सरकार पर हमला बोलते हुए इस फैसले को हजारों परिवारों पर आर्थिक संकट थोपने वाला कदम बताया है। बुधवार को जारी एक प्रेस बयान में उन्होंने कहा कि यह फैसला सरकार की कर्मचारी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है, जो न केवल नौकरियों पर कुठाराघात कर रहा है, बल्कि युवाओं के भविष्य को भी अंधकार में धकेल रहा है।

राकेश जम्वाल ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों की अनदेखी की हो। इससे पहले भी कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स को बिना मुआवजे के नौकरी से निकाल दिया गया। आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाकर हजारों युवाओं को बेरोजगार कर दिया गया। अब नियमित कर्मचारियों पर गाज गिराते हुए 700 पद समाप्त कर दिए गए। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कर्मचारियों, अभियंताओं और पेंशनर्स ने इस फैसले का लगातार विरोध किया, लेकिन सरकार ने बिना किसी संवाद के इसे जबरन लागू कर दिया। यह कांग्रेस सरकार की जनविरोधी और कर्मचारी विरोधी नीतियों को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है, जिससे हिमाचल में अराजकता का माहौल बन रहा है।

राकेश जम्वाल ने कहा कि बिजली बोर्ड में पदों को समाप्त करने के खिलाफ कर्मचारी लंबे समय से विरोध जता रहे थे। जॉइंट फ्रंट ने सरकार और प्रबंधन को कई बार नोटिस दिया, लेकिन सरकार ने संवाद करने के बजाय तानाशाही रवैया अपनाया, जो लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों की मांगों को अनसुना कर प्रशासनिक अराजकता को बढ़ावा दे रही है। पहले स्कूलों को बंद किया गया, स्वास्थ्य संस्थानों पर ताले लगाए गए और अब बिजली बोर्ड में 700 पद खत्म कर हजारों परिवारों पर संकट खड़ा कर दिया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया