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-मॉरीशस की नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री रामगुलाम ने की घोषणा,सदस्यों ने मेज थपथपाकर जताई खुशी
पोर्ट लुइस, 22 फरवरी (हि.स.)। मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने नेशनल असेंबली में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। वो मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के सम्मानित अतिथि होंगे। यह हमारे दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों का प्रमाण है। रामगुलाम की इस घोषणा पर नेशनल असेंबली के सदस्यों ने मेज थपथपाकर खुशी जताई।
रामगुलाम ने शुक्रवार को कहा, ''ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्व की मेजबानी करना हमारे और देश के लिए वास्तव में गर्व की बात है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बेहद व्यस्त कार्यक्रम, पेरिस और संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी हालिया यात्राओं के बावजूद हमें यह सम्मान दिया है। वह हमारे विशेष अतिथि के रूप में मॉरीशस आने के लिए सहमत हो गए हैं।'' उल्लेखनीय है कि मॉरीशस को 12 मार्च, 1968 को यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्रता मिली थी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 12 मार्च की यात्रा पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. रामगुलाम ने कहा, ऐसे मौके पर प्रतिष्ठित व्यक्तित्व की मेजबानी करना मॉरीशस के लिए एक सौभाग्य की बात है।
राष्ट्रपति मुर्मू गई थीं पिछले साल
पिछले साल मॉरीशस के 56वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुई थीं। राष्ट्रपति मुर्मु का सर शिवसागर रामगुलाम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तत्कालीन प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनौथ ने गर्मजोशी से स्वागत किया था। मॉरीशस में रामगुलाम के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 2024 के आम चुनाव में जीत हासिल की। उन्हें सत्ता में वापसी करने में पूरे एक दशक का समय लगा। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें जीत की बधाई देते हुए उनसे बातचीत भी की थी।
मेरे दोस्त, जीत की बधाई
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था,'' जीत के बाद मेरी मेरे दोस्त नवीन रामगुलाम से बात हुई। मैंने उन्हें ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई दी। मैंने उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया। हम अपनी विशेष साझेदारी को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं।''
भारत और मॉरीशस के संबंध
भारत और मॉरीशस के बीच इतिहास और संस्कृति आधारित गहरा रिश्ता है। मॉरीशस में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, मॉरीशस में 8 लाख 94 हजार 848 भारतीय और भारतीय मूल के लोग रहते हैं। दोनों देशों के बीच लंबे समय से सांस्कृतिक, आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी है। भारत मॉरीशस के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता आया है। भारत और मॉरीशस समुद्री सुरक्षा, आईटी, ऊर्जा और शिक्षा जैसे कई अहम क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं। हाल के वर्षों में भारत ने मॉरीशस को कई परियोजनाओं में मदद की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद