महाकुंभ में 14 हजार से अधिक ट्रेनों का श्रद्धालुओं ने किया उपयोग
— महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने में में रेलवे ने भी निभाई बड़ी भूमिका —अभी तक 3.6 करोड़ श्रद्धालुओं को कुंभ एरिया में हैंडल किया गया महाकुंभ नगर,22 फरवरी (हि.स.)। आस्था के महासागर प्रयाग तीर्थ स्थित पवित्र संगम तट पर चल रहे महाकुंभ के विराट आयोजन
महाकुंभ में 14 हजार से अधिक ट्रेनों का श्रद्धालुओं ने किया उपयोग


— महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने में में रेलवे ने भी निभाई बड़ी भूमिका

—अभी तक 3.6 करोड़ श्रद्धालुओं को कुंभ एरिया में हैंडल किया गया

महाकुंभ नगर,22 फरवरी (हि.स.)। आस्था के महासागर प्रयाग तीर्थ स्थित पवित्र संगम तट पर चल रहे महाकुंभ के विराट आयोजन में रेलवे ने बड़ी भूमिका निभाई है। इस विशाल वैश्विक आयोजन में रेलवे ने जिस तरह पूरे देश भर से तीर्थयात्रियों को प्रयाग की पुण्यभूमि तक पहुंचने में योगदान दिया वह अभूतपूर्व है। रेल संचालन की दृष्टि से भी कई मामलों में अनोखा रिकार्ड भी बना है। हालांकि महाकुंभ अब समापन की ओर बढ़ रहा है। अनुमान के अनुसार लगभग डेढ़ माह के इस आयोजन में 12 से 15 करोड़ तीर्थयात्रियों ने ट्रेन यात्रा का लाभ लिया। माना जा सकता है कि महाकुंभ के करीब एक चौथाई तीर्थयात्रियों ने प्रयागराज या आसपास के प्रमुख शहरों तक पहुंचने में ट्रेनों की ही सहारा लिया।

दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले भारत में रेलवे पर कितना दवाब है। इसका नजारा महाकुंभ में भी दिखा। महाकुंभ में अपनी भूमिका निभाने के लिए रेलवे ने अपनी कार्ययोजना को मूर्त रूप देने के लिए पहले से ही जुट गया। इसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों से तीर्थयात्रियों की अनुमानित संख्या के हिसाब से ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई गई। साथ ही महाकुंभ को दौरान भीड़ बढ़ने की स्थिति में आपात योजना भी बनाई गई। आम दिनों में ट्रेनों में रहने वाली भीड़ के मद्देनजर रेलवे ने इसके लिए विशेष उपायों को अपनाया। इसके तहत किसी एक रूट, ट्रेन या बड़े स्टेशन पर दवाब को हटाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए। तीर्थयात्रियों की संख्या और मांग के अनुरूप एक के बाद एक विशेष ट्रेनें चलाई गईं।

रेलवे के अफसरों के अनुसार महाकुंभ की शुरुआत से लेकर अब तक 13,667 ट्रेनें तीर्थयात्रियों को लेकर प्रयागराज और उसके अन्य स्टेशनों तक पहुंचीं। इनमें 3,468 विशेष ट्रेनों की शुरूआत कुंभ क्षेत्र से हुई। 2008 ट्रेने कुंभ एरिया के बाहर से आयी, बाक़ी 8,211 नियमित ट्रेनें थीं। शहर में प्रयागराज समेत कुल नौ स्टेशन हैं, जहां ट्रेनों का आवागमन हुआ। अकेले प्रयागराज स्टेशन पर ही पांच हजार ट्रेनें का लाभ श्रद्धालुओं को मिला । अफसरों के अनुसार प्रयागराज क्षेत्र के स्टेशनों- प्रयागराज जं. से 5332, नैनी जं. से 2017, प्रयागराज छिवकी से 1993, सूबेदारगंज से 4313, झूसी से 1207, प्रयागराज रामबाग से 764, प्रयाग जं. से 1326, प्रयागराज संगम से 515 तथा फाफामऊ से 1010 ट्रेनें श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु चलाई गई। इसी प्रकार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उत्तर प्रदेेश के स्टेशनों से 6434, दिल्ली के स्टेशनों से 1343 , बिहार के स्टेशनों से 1197, महाराष्ट्र के स्टेशनों से 740, पश्चिम बंगाल के स्टेशनों से 560, मध्य प्रदेश के स्टेशनों से 400, गुजरात के स्टेशनों से 310, राजस्थान के स्टेशनों से 250, असम के स्टेशनों से 180 तथा छत्तीसगढ़ के स्टेशनों से 101 ट्रेनें चलाई गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी