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पूर्वी चंपारण, 21 फ़रवरी (हि.स.)।केसरिया महोत्सव में शुक्रवार को महात्मा बुद्ध के जीवन पर परिचर्चा का आयोजन किया।
इस अवसर पर मंचासीन पूर्व चिकित्सा पदाधिकारी सह प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ परमेश्वर ओझा ने बौद्ध धर्म की विशेषताएँ और बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन के सार को तलाशने की महान शिक्षा से संबंधित बौद्ध धर्म की कुछ विशिष्ट विशेषताएं हैं।
कार्यक्रम का मंच संचालन आदित्य मानस ने किया। परिचर्चा में बौद्ध धर्म की पवित्र पुस्तक को उद्धत करते जीवन मूल्यो और नैतिक शिक्षा के मार्गदर्शन को खूबसूरती से समझाया गया। कहा गया कि बौद्ध धर्म की कुछ महत्वपूर्ण विशेषता है,जो अन्य सभी धर्मों से विशेष बनाती है।
बौद्ध धर्म आत्म-प्रयास और आत्म-साक्षात्कार के साथ आत्म-विकास पर जोर देता है।बौद्ध धर्म के अनुसार किसी भी व्यक्ति के द्धारा किये गये कार्य के लिए कोई अन्य इकाई जिम्मेदार नहीं है।शिक्षाओं में उल्लेख है कि बौद्ध धर्म मुक्ति और मोक्ष की मार्ग का मार्गदर्शन करता है, लेकिन अनुयायी को अपने प्रयास के साथ ही इस मार्ग पर चलने को कहता है। वहीं प्रोफेसर सुशील दूबे ने महात्मा बूद्ध की जीवनी अंगुलीमाल डाकू से संक्षिप्त में विवरण दिया।
उन्होंने बताया कि बौद्ध धर्म की मुख्य विशेषता मन-बुद्धि को उन्नत करने के लिए दृढ़ता और धैर्य का मार्ग दिखाता है।बुद्धिज्म स्वयं और प्रकृति के अन्य तत्वों के प्रति दया का भाव रखने के साथ ही मूल एकाग्रता और अभिव्यक्ति के लिए मुक्ति के आधार को मजबूत करती है।उन्हेे कहा कि ध्यान के मार्ग को आत्म-सुरक्षा और बेहतरी के नैतिक व्यवहार में शामिल किया जाना चाहिए।मुक्ति के मार्ग पर व्यक्ति को स्वयं चलना होगा और चुनौतियों का सामना करना होगा। कोई दूसरा व्यक्ति आपके लिए ऐसा नहीं कर सकता है।धर्म रीति-रिवाजों, शिक्षाओं और परंपराओं की एक जटिल प्रणाली है। किसी भी धर्म की शिक्षाएँ और मार्गदर्शन उन्हें आत्म-मूल्यांकन और सुधार के मार्ग पर ले जाते हैं। बौद्ध धर्म एक प्राचीन धर्म है जो अपनी प्रभावशाली शिक्षाओं और मार्गदर्शन के साथ दुनिया भर में फैला हुआ है। सिद्धार्थ गौतम द्वारा स्थापित, बौद्ध धर्म ने विश्वव्यापी महत्व प्राप्त करने के लिए कई चुनौतियों और बाधाओं का सामना किया है। शाश्वत मुक्ति प्राप्त करने के लिए ध्यान और आत्म-अन्वेषण का मार्ग बौद्ध धर्म की पवित्र पांडुलिपि में वर्णित है।मार्गदर्शन और शिक्षाओं का मुख्य अवलोकन यह है कि कोई व्यक्ति किसी विशिष्ट मार्ग का अनुसरण करने के लिए मार्गदर्शन कर सकता है,उन्हें मुक्ति प्राप्त करने के लिए अपने आत्मविश्वास और उद्देश्य पर चलना चाहिए।इस शरीर को मध्यम मार्ग के द्वारा संभाल कर रखे।
हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार