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जोधपुर, 21 फरवरी (हि.स.)। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने मिराज सिनेमा और मिराज एंटरटेनमेंट की अपील खारिज कर दी,जिसमें जिला उपभोक्ता आयोग ने चार सिने दर्शकों को जबरदस्ती और नाजायज तरीके से सिनेमा हॉल में 200 रुपये की पॉप कार्न टिकट के साथ खरीदने को मजबूर किए जाने पर मिराज सिनेमा बायोस्काप और मिराज एंटरटेनमेंट को न केवल पॉप कार्न की कीमत बल्कि 75 हजार 200 रुपये अदा करने का आदेश दिया था। साथ ही आदेश दिया कि परिवादी को दो माह में 20 हजार रुपये हर्जाना, पांच हजार रुपये परिवाद व्यय और 200 रुपये पॉप कार्न के तथा सिनेमा हॉल द्वारा दर्शकों से मुनाफाखोरी कर जबरन पॉप कार्न बेचने पर उपभोक्ता कल्याण कोष में 50 हजार रुपये भी जमा कराएं और जिला कलक्टर को उचित कार्रवाई करने वास्ते निर्णय की प्रति भी प्रेषित करने के आदेश दिए।
परिवादी अनिल भंडारी, उर्मिला भंडारी, रंजू जैन और शांति चंद पटवा ने परिवाद दायर कर कहा कि 24 मई 2018 को उन्होंने पिक्चर देखने के वास्ते 140 रुपये प्रति टिकट पेटीएम से बुक करवाए थे और सिनेमा हॉल पहुंचने पर उन्हें 90 रुपये के टिकट जारी किए गए और बताया गया कि अतिरिक्त 50 रुपये पॉपकॉर्न खरीद के अनिवार्य रूप से लिए जा रहे है। परिवादी की ओर से बहस करते हुए कहा गया कि सिनेमा हॉल में उन्हें गत्ते के डिब्बे में महज पांच दस रुपये की पॉप कार्न सुपुर्द की गई। उन्होंने कहा कि टिकट खरीद के साथ पॉप कार्न खरीदने को नाजायज तरीके से मजबूर किया सो उनका यह कृत्य न केवल अनुचित व्यापार व्यवहार है बल्कि सेवा में कमी और त्रुटि है। अपीलार्थी की ओर से कहा गया कि सिनेमा देखने की बुकिंग पेटीएम से की गई है और उनके कृत्य के वास्ते वे जिम्मेदार नहीं है और पेटीएम को पक्षकार नहीं बनाया गया है सो अपील मंजूर कर परिवाद खारिज किया जाएं।
अपील खारिज करते हुए राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र कछावा और सदस्य संजय टाक ने कहा कि परिवादी को अपनी इच्छा से नहीं बल्कि मजबूरीवश सिनेमा टिकट के साथ पॉप कार्न की अनुचित कीमत अदा करने के वास्ते बाध्य होना पड़ा। उन्होंने कहा कि पेटीएम ने सिनेमा प्रबंधन के निर्देशानुसार ही राशि वसूल की है सो अपने एजेंट के इस कृत्य के वास्ते मिराज सिनेमा ही जवाबदेह हैं।
उन्होंने कहा कि पॉपकॉर्न गत्ते पर मिराज का ही मोनोग्राम है सो उनका यह कहना गलत है कि पॉपकॉर्न बेचने में उनका कोई सारोकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि परिवादीगण से दो सौ रुपये की राशि नाजायज रूप से वसूल की गई है जो अपीलार्थी का अनुचित व्यापार व्यवहार और सेवा में दोष है।अपील खारिज होने पर अब मिराज सिनेमा बायोस्कोप और मिराज एंटरटेनमेंट को परिवादी को पॉप कार्न कीमत दो सौ रुपये, 20 हजार रुपये हरजाना और 5 हजार रुपये परिवाद व्यय अदा करना होगा तथा उपभोक्ता कल्याण कोष में 50 हजार रुपये जमा कराने पड़ेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश