जब तक सृष्टि रहेगी, भारत किसानों का देश रहेगा - एसपीएस बघेल
केंद्रीय पशुपालन व डेयरी राज्य मंत्री ने बजट को बताया सर्वहितकारी
जब तक सृष्टि रहेगी, भारत किसानों का देश रहेगा - एसपीएस बघेल


उदयपुर, 21 फ़रवरी (हि.स.)। भले ही शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा हो, लेकिन जब तक सृष्टि रहेगी, तब तक भारत किसानों का देश रहेगा। यह कहना है केंद्रीय पशुपालन व डेयरी राज्य मंत्री एसपीएस बघेल का।

उदयपुर में शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि भारत के विकास में कृषि और पशुपालन का बड़ा योगदान है।

बघेल ने कहा कि वर्तमान में किसान पारंपरिक कृषि के साथ-साथ आधुनिक तकनीकों और मशीनरी का भी उपयोग कर रहे हैं, जिससे कृषि क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों के लिए अब बैल उपयोगी नहीं रहे, इसलिए कृत्रिम गर्भाधान की विशेष तकनीक से बछिया पैदा कराने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो सके।

एसपीएस बघेल ने केंद्र सरकार के बजट की प्रशंसा करते हुए इसे मध्यम वर्ग के लिए लाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि आयकर सीमा को 12 लाख तक बढ़ाने से लोगों को आर्थिक राहत मिलेगी। सरकारी कर्मचारियों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने बजट को जनकल्याणकारी बताते हुए कहा कि इससे आम जनता को आर्थिक मजबूती मिलेगी।

उन्होंने प्रधानमंत्री बीमा योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि 20 रुपये और 440 रुपये के प्रीमियम वाली यह योजना मुसीबत के समय बड़ा सहारा बनती है। उन्होंने लोगों से आयुष्मान योजना से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि यह योजना गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करती है।

बैंकों और पुलिस द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन में असहयोग के सवाल पर बघेल ने कहा कि यदि वे जनता की सहायता नहीं करते हैं, तो उनकी शिकायत सांसद तक पहुंचाई जाए। उन्होंने कहा कि जो सांसद जनता की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते, उन्हें वोट मांगने का अधिकार नहीं है।

एसपीएस बघेल ने आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों में होने वाले उपचारों की सूची प्रदर्शित करने को अनिवार्य बताया। उन्होंने उदयपुर के सांसद मन्नालाल रावत को पत्रकार वार्ता में ही निर्देश दिए कि वे निजी अस्पतालों के साथ बैठक करके इस बात को सुनिश्चित करें कि सूची स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो।

उन्होंने स्वयं सवाल उठाते हुए कहा कि अगर किसी व्यक्ति का पोस्टमार्टम हो चुका है, तो उसके मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भटकना क्यों पड़ता है? यह समस्या केवल एक क्षेत्र विशेष की नहीं, बल्कि पूरे देश की है।

बघेल ने कहा कि खुशहाली का रास्ता कृषि के साथ-साथ एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) से होकर भी जाता है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे रोजगार के लिए केवल सरकारी नौकरी पर निर्भर न रहें, बल्कि एमएसएमई क्षेत्र में कदम बढ़ाकर आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने यह भी कहा कि आज के युवा नौकरी करने के बजाय नौकरी देने वाले बनना चाहते हैं, जो सकारात्मक सोच का परिचायक है।

ममता बनर्जी के बयान पर दी प्रतिक्रिया

ममता बनर्जी द्वारा दिए गए महाकुंभ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बघेल ने इसे मुस्लिम वोटों के तुष्टीकरण का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए सनातन परंपराओं पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं, लेकिन अब समाज ऐसे प्रयासों को समझने लगा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता