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शिमला, 21 फ़रवरी (हि.स.)। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के चालक-परिचालकों ने ओवरटाइम, रात्रि भत्ता और अन्य वित्तीय लाभ न मिलने को लेकर सरकार व निगम प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को यूनियन के सदस्यों ने निगम मुख्यालय के बाहर जोरदार धरना प्रदर्शन किया और सरकार को 15 दिनों के भीतर सभी लंबित वित्तीय लाभ जारी करने का अल्टीमेटम दिया।
संघ के नेताओं ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें तय समय सीमा में पूरी नहीं की गईं तो 6 मार्च से पूरे प्रदेश में काम छोड़ो अभियान और चक्का जाम शुरू किया जाएगा। इससे परिवहन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और निगम प्रशासन की होगी।
वादा खिलाफी से नाराज चालक-परिचालक
एचआरटीसी ड्राइवर यूनियन के अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री और सरकार लगातार झूठे आश्वासन दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वित्तीय लाभ देने की तारीखें आगे बढ़ा रही है लेकिन अब कर्मचारी झूठे वादों में नहीं फंसेंगे।
उन्होंने कहा कि हमने कई बार सरकार और निगम प्रबंधन से अनुरोध किया लेकिन हमारी समस्याओं की अनदेखी की जा रही है। रात्रि भत्ता और अन्य वित्तीय लाभ अब तक जारी नहीं किए गए हैं। हम दिन-रात यात्रियों की सेवा में लगे रहते हैं, लेकिन हमें हमारा हक नहीं दिया जा रहा है।
संघ का कहना है कि एचआरटीसी कर्मचारियों को समय पर वेतन और भत्ते न मिलना गंभीर समस्या बन गई है। परिवहन सेवा को सुचारू रूप से चलाने में अहम भूमिका निभाने वाले चालक-परिचालक खुद आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
छह मार्च से हड़ताल पर जाने की चेतावनी
यूनियन ने सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि यदि 15 दिनों के भीतर सभी लंबित भुगतान नहीं किए जाते तो वे बड़े आंदोलन की राह पर चलेंगे।
संघ के प्रवक्ता ने कहा कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो 6 मार्च से पूरे प्रदेश में चालक-परिचालक काम छोड़ देंगे और चक्का जाम करेंगे। इसका असर आम जनता पर भी पड़ेगा, लेकिन इसकी जिम्मेदारी केवल सरकार की होगी।
यूनियन ने सरकार से अपील की है कि वह जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकाले ताकि प्रदेश में परिवहन सेवाएं बाधित न हों।
हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा