केंद्र ने बैराइट्स, फेल्सपार, अभ्रक और क्वार्ट्ज को प्रमुख खनिजों के रूप में किया वर्गीकृत
नई दिल्ली, 21 फरवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बेराइट्स, फेल्सपार, अभ्रक और क्वार्ट्ज को ‘प्रमुख’ खनिजों की श्रेणी में शामिल किया है। इस कदम से ऐसे संसाधनों की खोज और वैज्ञानिक खनन को बढ़ावा मिलेगा, जो कई महत्वपूर्ण खनिजों का प्राथमिक स्रोत
खान मंत्रालय के लोगो का प्रतीकात्मक चित्र


नई दिल्ली, 21 फरवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बेराइट्स, फेल्सपार, अभ्रक और क्वार्ट्ज को ‘प्रमुख’ खनिजों की श्रेणी में शामिल किया है। इस कदम से ऐसे संसाधनों की खोज और वैज्ञानिक खनन को बढ़ावा मिलेगा, जो कई महत्वपूर्ण खनिजों का प्राथमिक स्रोत हैं।

खान मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि मंत्रालय ने 20 फरवरी, 2025 की राजपत्रित अधिसूचना के माध्यम से बैराइट, फेल्सपर, अभ्रक और क्वार्ट्ज को लघु खनिजों की सूची में से निकालकर प्रमुख खनिजों की श्रेणी में शामिल किया गया है। मंत्रालय ने यह निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल के 29 जनवरी, 2025 को नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन को मंजूरी दिए जाने के बाद लिया है। इस मिशन में देश के भीतर महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और खनन की परिकल्पना की गई है, जिसमें खनन के दौरान निकले अवशेष पदार्थों का इन खनिजों में से निष्कर्षण भी शामिल है।

मंत्रालय के जारी अधिसूचना के मुताबिक बैराइट, फेल्सपर, अभ्रक और क्वार्ट्ज खनिजों के पुनर्वर्गीकरण से मौजूदा पट्टों की अवधि पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। प्रमुख खनिजों के रूप में इन खनिजों के लिए पट्टे अनुदान की तारीख से 50 साल की अवधि तक या नवीनीकरण अवधि के पूरा होने तक, यदि कोई हो, बाद में एमएमडीआर अधिनियम, 1957 की धारा 8-ए के अनुसार बढ़ाया जाएगा।

खान मंत्रालय के मुताबिक ये खदानें धीरे-धीरे भारतीय खान ब्यूरो के साथ पंजीकृत होंगी और प्रमुख खनिजों के रूप में विनियमित होंगी। जिन्हें महीने 30 जून, 2025 तक चार मास का संक्रमण काल प्रदान किया गया है। इन खनिजों की खदानों से राजस्व पहले की तरह ही राज्य सरकार को मिलता रहेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर