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कानपुर, 21 फरवरी (हि.स.)। केंद्र में प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 ब्रिटिश मानसिकता वाला कानून है। यह बिल पूरी तरह से अधिवक्ताओं के विरोध में है। आज बार एसोसिएशन द्वारा कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल का पुतला फूंककर अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की है। यह बातें शुक्रवार को बार काउंसिल सदस्य अकंज मिश्रा ने कही।
अधिवक्ता संशोधन बिल को लेकर देश भर के अधिवक्ताओं में आक्रोश देखने को मिल रहा है। कानपुर में भी लॉयर्स और बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में बिल के विरोध में सैकड़ो अधिवक्ताओं ने कचहरी के शताब्दी गेट से लेकर कलेक्ट्रेट ऑफिस तक जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल का पुतला फूंक कर नारेबाजी की गई। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार मनमाने तरीके से अधिवक्ताओं पर अंकुश लगाने का काम कर रही है। सरकार अपने नुमाइंदों को इस न्याय के मंदिर में स्थापित करना चाहती है।
प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ताओं ने मांग करते हुए कहा कि नियम बनाने का जो अधिकार पूर्व में एडवोकेट्स एक्ट में था। उसको यथावत स्थितियों में जारी रखा जाए। जब तक इसको वापस नही लिया जाता देश का हर एक अधिवक्ता सड़कों पर उतरकर विरोध करता रहेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप