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नैनीताल, 19 फरवरी (हि.स.)। नैनीताल हाईकोर्ट ने देहरादून के सहसपुर विकास खंड में पीएमजीएसवाई के अंतर्गत पुरुकुल से मितरली-किमाड़ी के बीच पहले से सड़क होने के बाद भी जंगल के बीच से दूसरी करीब दस किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़क के निर्माण के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई के बाद मसूरी के डीएफओ तथा मुख्य अभियंता, उत्तराखंड ग्रामीण सड़क विकास एजेंसी को 20 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने तथा सड़क के निर्माण से संबंधित सभी अभिलेख प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार, सिटीजन ऑफ ग्रीन दून की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि पीएमजीएसवाई के अंतर्गत सड़क की स्वीकृति दी गई थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि पीएमजीएसवाई के अंतर्गत उत्तराखंड में ढाई सौ की आबादी के गांवों के लिए सड़क बनाई जा रही है लेकिन यहां पहले से सड़क बनी है और जंगल के बीच से दूसरी सड़क बनाई जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / लता