ममता बनर्जी ने महाकुम्भ को मृत्यु कुम्भ कहकर सनातन धर्म का किया अपमान, मांगे माफी: मधूसूदन गिरी
महाकुम्भ नगर,19 फरवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रयागराज महाकुम्भ को मृत्यु कुंभ बताए जाने पर कनखल सन्यास मार्ग के परमाध्यक्ष महंत मधूसूदन गिरी महाराज ने बुधवार को ममता बनर्जी से माफी मांगने की मांग की है। महंत मधूसूदन गिरी
ममता बनर्जी महाकुम्भ को मृत्यु कुम्भ कहकर सनातन धर्म का किया अपमान, मांगे माफी: मधूसूदन गिरी


महाकुम्भ नगर,19 फरवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रयागराज महाकुम्भ को मृत्यु कुंभ बताए जाने पर कनखल सन्यास मार्ग के परमाध्यक्ष महंत मधूसूदन गिरी महाराज ने बुधवार को ममता बनर्जी से माफी मांगने की मांग की है। महंत मधूसूदन गिरी महाराज ने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ को मृत्यु कुम्भ कहकर ममता बनर्जी ने सनातन धर्म और करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों की धार्मिक भावनाओं का अपमान किया है।

उन्होंने कहा कि महाकुम्भ सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। महाकुम्भ में होने वाले श्रद्धालुओं और संतों के समागम में शामिल होने के लिए देश और विदेशों से करोड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं। आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा स्थापित सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में श्रद्धालु गंगा स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं। संत महापुरूषों की दिव्य वाणी से प्रसारित होने वाले आध्यात्मिक संदेशों को आत्मसात कर अपने जीवन की दिशा निर्धारित करते हैं।

महंत मधूसूदन गिरी महाराज ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में अखाड़ों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहतर व्यवस्थाएं की हैं। दिव्य और और भव्य रूप से संपन्न हो रहे महाकुम्भ को मृत्यु कुम्भ बताकर ममता बनर्जी ने ओछी मानसिकता का प्रदर्शन किया है। अपने इस शर्मनाक बयान के लिए, उन्हें माफी मांगनी चाहिए। यदि वे माफी नहीं मांगती हैं तो अखाड़ों और संत समाज को उनका बहिष्कार करने का निर्णय लेना चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल