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कानपुर, 18 फरवरी (हि.स.)। समाज के लिए प्रेरणादायक है रूबल नागी। उन्होंने अपनी कला के प्रदर्शन से देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया मे अपना परचम लहराया है। लंदन जैसे देश में पढ़ाई करने के बाद भी अपने देश के लिए खासकर झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने वाली इस महान सख्तसियत से हमें बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है। यह बातें मंगलवार को प्रो. आशुतोष शर्मा ने कही।
भारतीय पौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) में कला, प्रभाव, कौशल विकास और प्रेरणा सशक्तीकरण परिवर्तन और समुदायों में परिवर्तन का आयोजन किया। इस सत्र में प्रसिद्ध कलाकार और समाज सुधारक रूबल नागी ने भाग लिया। नागी की उपलब्धियों में 2017 में राष्ट्रपति भवन संग्रहालय में प्रदर्शित होने वाली पहली कलाकार होना शामिल है। जिसमें भारत के राष्ट्रपति द्वारा व्यक्तिगत रूप से उनके कार्य का चयन किया गया था।
इस अवसर पर पद्म 2025 प्रो. आशुतोष शर्मा (आईआईटी कानपुर में इंस्टिट्यूट चेयर प्रोफेसर की उपस्थिति विशेष आकर्षण रही। जिन्होंने नागी के साथ एक आकर्षक चर्चा का संचालन किया। छात्रों ने विचारोत्तेजक वार्तालापों और इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर में सक्रिय रूप से भाग लिया। जिसमें यह पता लगाया गया कि रचनात्मकता किस प्रकार सामाजिक प्रभाव को बढ़ावा दे सकती है और नेतृत्व अंतः विषय शिक्षा और उद्यमशीलता को बढ़ावा दे सकती है।
आगे उन्होंने बताया कि रूबल नागी ने झुग्गी-झोपड़ियों में पेंटिंग के अपने अनुभवों, वंचित समुदायों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के अपने प्रयासों और महिला सशक्तिकरण के प्रति अपने जुनून से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मिसाल मुंबई की अग्रणी के रूप में उन्होंने कला और शिक्षा के गहन प्रभाव को प्रदर्शित करते हुए 1,55,000 से अधिक घरों को बदल दिया है। उनके द्वारा लिखी गयी पुस्तक द स्लम क्वीन (2022) पर भी चर्चा की गयी। जो सामाजिक परिवर्तन की उनकी प्रेरक यात्रा का वर्णन करती है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप