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चेन्नई, 18 फरवरी (हि.स.)। अन्नाद्रमुक सदस्यों ने तमिलनाडु में लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों को समाप्त करने की मांग करते हुए चेन्नई में विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन अन्ना विश्वविद्यालय में हाल ही में हुए यौन उत्पीड़न के मामले के मद्देनजर किया गया है, जिसने व्यापक आक्रोश पैदा किया है और न्याय की मांग की है।
प्रदर्शनकारियों ने अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की और राज्य सरकार से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी ने गिरफ्तार संदिग्ध द्वारा संदर्भित सर की पहचान पर सवाल उठाया, जिससे राज्य प्रशासन पर दबाव बढ़ गया।
अन्नाद्रमुक के राष्ट्रीय प्रवक्ता कोवई साथियान ने कहा कि 'ध्यान खींचने वाला' विरोध प्रदर्शन द्रमुक सरकार को 'नींद' से जगाने और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए भी था। उन्होंने इस मुद्दे पर राज्य सरकार की आलोचना की और कहा कि राज्य पुलिस बल में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। साथियान ने संवाददाताओं से कहा, हाल ही में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को एक महिला पुलिस कांस्टेबल के कथित यौन उत्पीड़न के लिए निलंबित कर दिया गया था।
अन्ना विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न मामले ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें अन्नाद्रमुक ने सत्तारूढ़ द्रमुक पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। इस मामले ने तमिलनाडु में महिलाओं की सुरक्षा पर भी चर्चा को जन्म दिया है, जिसमें कई लोगों ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रणालीगत सुधारों की मांग की है।
मद्रास उच्च न्यायालय ने घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का निर्देश दिया है, और राज्य सरकार को पीड़िता को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। अदालत ने अन्ना विश्वविद्यालय को पीड़िता की फीस माफ करने का भी निर्देश दिया है ताकि उसकी शिक्षा निर्बाध रूप से जारी रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ आर बी चौधरी