महाकुम्भ में अब तक 48 ​करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, यह सनातनियों के लिए बड़ा संदेश : स्वामी प्रखर महाराज
महाकुम्भ नगर, 12 फरवरी (हि.स.)। माघ पूर्णिमा के पूर्व ही महाकुम्भ में देश भर से पधारे लगभग 48 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाई है, यह हिन्दुओं के उत्थान का बहुत बड़ा संकेत है। यह बात बुधवार को महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर 19 में स्थ
महाकुम्भ में अब तक 48 ​करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, यह सनातनियों के लिए बड़ा संदेश : स्वामी प्रखर महाराज


महाकुम्भ नगर, 12 फरवरी (हि.स.)। माघ पूर्णिमा के पूर्व ही महाकुम्भ में देश भर से पधारे लगभग 48 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाई है, यह हिन्दुओं के उत्थान का बहुत बड़ा संकेत है। यह बात बुधवार को महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर 19 में स्थित श्री प्रखर परोपकार मिशन अस्पताल एवं शिविर में कल्पवास एवं माघी पूर्णिमा सम्पन्न होने के बाद भक्तों को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि देश की जनसंख्या के आँकड़ों में हिन्दुओं की संख्या लगभग 90 करोड़ है, उनमें से 48 करोड़ हिन्दू प्रयागराज पधारे हैं अर्थात देश की हिन्दू आबादी का आधा भाग, इस पवित्र संगम में स्नान कर चुका है, इसका स्पष्ट सन्देश है कि हिन्दू, एक सूत्र में बंधा हुआ है, जो इस देश के लिए अच्छा सन्देश है। उन्होंने कहा कि माघ मास में कल्पवास की महिमा, अनादिकाल से चली आ रही है, इसलिए मेरे मन में काफी दिनों से विचार था कि इस महाकुम्भ में एक विद्वान महापुरुष के श्रीमुख से कल्पवासियों को माघ माहात्म्य कथा का श्रवण करवाया जाए। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में माघ माहात्म्य की कथा होना सामान्य बात है किन्तु कथा में अन्तर्निहित गुणों का प्रकटीकरण बड़ी बात है, जो एक योग्य महापुरुष ही कर सकता है, तदुनुरूप सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. डाॅ. दिव्य स्वरूप ब्रह्मचारी को इस शिविर की माघ माहात्म्य कथा श्रवण करवाने के लिए नियुक्त किया गया, जिसका सुन्दर विवेचन भी व्यास महाराज (डाॅ. दिव्यस्वरूप ब्रह्मचारी) ने बहुत सरल भाषा में किया गया है।

इससे पूर्व स्वामी प्रखर जी महाराज के सानिध्य में शिविर में प्रवास कर रहे समस्त कल्पवासी, ट्रस्ट के पदाधिकारी, देश के विभिन्न क्षेत्रों में ट्रस्ट द्वारा संचालित समस्त इकाइयों के पदाधिकारी एवं अन्य हजारों श्रद्धालुभक्तों ने गंगा घाट (पैण्टून पुल सं.-13 के निकट) पहुँचकर अमृत स्नान (गंगा स्नान) किया। स्नानार्थियों ने पूज्य महाराजश्री के साथ-साथ गाजे-बाजे व भजन गाते हुए पदयात्रा निकालकर स्नान, दान एवं ट्रस्ट द्वारा देश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में संचालित आचार्यों द्वारा तर्पण एवं मार्जन किया। काशी से पधारे आचार्य दिवाकर दीक्षित जी ने शिविर में निवास कर रहे स्नानार्थियों के पूर्वजों की आत्मशान्ति हेतु ‘तीर्थ श्राद्ध-कर्म’ भी सम्पन्न कराया।

प्रतिदिन की भाँति बुधवार को अस्पताल की ओ.पी.डी. में लगभग 2000 रोगियों की ओ.पीडी. एवं पैथाॅलाॅजी में लगभग 60 रोगियों की जाँचे व दो दर्जन से अधिक रोगियों के एक्स-रे किए गए।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से सर्वश्री तिलक रात शर्मा, राजेश अग्रवाल, पं. नरेन्द्र शर्मा, डाॅ. सज्जन प्रसाद तिवारी, विश्वनाथ कानोडिया, रघुनाथ सिंह, लोकेश लोहिया, सुशील खेमका, अन्जू बत्रा, विवेक मित्तल, प्रो. डाॅ. कमलाकान्त त्रिपाठी,संजय अग्रवाल, कान्ता बाई, मोनिका मित्तल, आँचल मित्तल, प्रमोद अग्रवाल (नेपाल), ऋचा कानोडिया, विजय कानोडिया, ममता कानोडिया, पुष्पा कानोडिया,आचार्य गोविन्द, अशोक शास्त्री एवं योगेश शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल