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जयपुर, 12 फ़रवरी (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट में पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में बुधवार को याचिकाकर्ता पक्ष की बहस पूरी हो गई है। राज्य सरकार की ओर से गुरुवार को बहस जारी रखी जाएगी। वहीं अदालत ने आरपीएससी के अधिवक्ता एमएफ बेग को यह बताने को कहा है कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान आयोग को पेपर लीक को लेकर कितनी शिकायतें मिली। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश कैलाश चन्द्र शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मेजर आरपी सिंह और अधिवक्ता हरेंद्र नील ने कहा कि परीक्षा की तीनों पारियों के पेपर लीक हुए थे और उसी दिन पूरे प्रदेश में 11 एफआईआर दर्ज हो गई थी। इसके बावजूद आरपीएससी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा भर्ती प्रक्रिया में भी अनियमितता की गई। लिखित परीक्षा के लिए कई जगहों पर निजी स्कूलों को परीक्षा केन्द्र बनाया गया और वहां निजी वीक्षक नियुक्त किए गए। पेपर लीक में पकडे गए कई अभ्यर्थियों के परिजनों का भी आपराधिक रिकॉर्ड है। सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि जहां दागी अभ्यर्थियों को चिन्ह्ति नहीं किया जा सकता, उस स्थिति में भर्ती को रद्द किया जा सकता है। ऐसे में भर्ती को रद्द किया जाए। दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने बताया कि याचिका कई महीनों बाद दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं में से कुछ लिखित परीक्षा में फेल हुए, कुछ फिजिकल के बाद बाहर किए गए और कई साक्षात्कार में अंक नहीं ला पाए। यदि याचिकाकर्ता पास हो जाते तो फिर याचिका पेश नहीं की जाती। इसके अलावा एक याचिकाकर्ता तो एसओजी में ही कांस्टेबल पद पर कार्यरत है, लेकिन इनकी जानकारी नहीं दी गई। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है और इस स्थिति में जल्दबाजी में भर्ती रद्द करने का निर्णय नहीं लिया जा सकता। सुनवाई के दौरान अदालती समय समाप्त होने के कारण अदालत ने प्रकरण की सुनवाई गुरुवार को तय की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक