महाकुम्भ सर्व धर्म समभाव एवं आस्था का पर्व: दिग्विजय सिंह 
प्रयागराज महाकुम्भ, 12 फ़रवरी (हि.स.)। प्रयागराज महाकुम्भ एक आस्था का पर्व है। सर्व धर्म समभाव का पर्व है। इस महापर्व में हादसा यह बहुत दुखद हुआ। लेकिन आने जाने वाले मार्गों पर पार्किंग की व्यवस्था ठीक नहीं रहीं और श्रद्धालुओं को पहुंचाने की समुचित व
मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह


प्रयागराज महाकुम्भ, 12 फ़रवरी (हि.स.)। प्रयागराज महाकुम्भ एक आस्था का पर्व है। सर्व धर्म समभाव का पर्व है। इस महापर्व में हादसा यह बहुत दुखद हुआ। लेकिन आने जाने वाले मार्गों पर पार्किंग की व्यवस्था ठीक नहीं रहीं और श्रद्धालुओं को पहुंचाने की समुचित व्यवस्था ठीक न होने की वजह से जाम की स्थिति बनी है। इससे श्रद्धालुओं को समस्या हुई। यह बात बुधवार को संगम स्नान के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कही।

उन्होंने कहा कि मैं पिछले 3 कुंभ से यहां(प्रयागराज) स्नान करता आया हूं। महाकुंभ में जो दुर्घटना हुई है उस पर हम अपना दुख प्रकट करते हैं... कहीं न कहीं कमी रही क्योंकि कहा गया था कि महाकुंभ में 100 करोड़ लोगों की व्यवस्था है... इसे(महाकुंभ) इवेंट नहीं मानना चाहिए यह हमारी आस्था का प्रश्न है। पुलिस एवं महाकुम्भ मेला प्रशासन ने पार्किंग की व्यवस्था ठीक ढंग से नहीं किया। इसके अतिरिक्त पार्किंग स्थल से श्रद्धालुओं को संगम पहुंचने के लिए समुचित व्यवस्था न होने की वजह से श्रद्धालुओं को बहुत दिक्कत सहना पड़ा। फिर भी महाकुम्भ आस्था का पर्व है। इस पर राजनीतिक संवाद ठीक नहीं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल