हाईकोर्ट ने महिला आरक्षण संबंधी याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा
नई दिल्ली, 12 फरवरी (हि.स.)। लोकसभा और विधानसभाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण के कानून में परिसीमन के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और अटार्नी जनरल को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली
हाईकोर्ट ने महिला आरक्षण संबंधी याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा


नई दिल्ली, 12 फरवरी (हि.स.)। लोकसभा और विधानसभाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण के कानून में परिसीमन के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और अटार्नी जनरल को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 9 अप्रैल को करने का आदेश दिया।

याचिका नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वूमन ने दायर किया था। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 334ए(आई) महिलाओं के आरक्षण पर रोक लगा रहा है। इस अनुच्छेद में परिसीमन का प्रावधान है।

नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमन की याचिका में मांग की गई है कि लोकसभा और विधानसभाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण वाले कानून में परिसीमन करने के प्रावधान को हटाया जाए। बता दें कि 2023 में संसद ने महिला आरक्षण को लेकर कानून पारित किया था। इस कानून में परिसीमन के बाद महिला आरक्षण लागू करने का प्रावधान किया गया है। याचिका में कहा गया है कि एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण के लिए कोई पूर्व शर्त नहीं रखी गई है जबकि महिला आरक्षण के लिए परिसीमन की पूर्व शर्त रखी गई है।

बतादें कि 2023 में संसद ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 पारित किया ता। इस कानून के जरिये महिला आरक्षण को लेकर कानून पारित किया था। इस कानून में परिसीमन के बाद महिला आरक्षण लागू करने का प्रावधान किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को इस मामले पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमन को पहले हाईकोर्ट में जाने को कहा था।

हिन्दुस्थान समाचार / संजय

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय