Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
-विधान सभा में संसदीय शोध एवं संदर्भ समिति तथा पुस्तकालय समिति की हुई उद्घाटन बैठक
लखनऊ, 11 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में मंगलवार को संसदीय शोध एवं संदर्भ समिति तथा पुस्तकालय समिति की उद्घाटन बैठक संपन्न हुई। बैठक में समितियों की कार्यप्रणाली, उनकी प्रभावशीलता बढ़ाने और विधायकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर विस्तृत चर्चा की गई।
विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि संसदीय समितियां लोकतंत्र के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक हैं। इनकी सक्रियता से विधायिका की गरिमा बढ़ेगी और विधायकों की कार्यक्षमता भी मजबूत होगी। उन्होंने सदस्यों से अपने कार्यों में गंभीरता और जनता के प्रति जवाबदेही बनाए रखने की अपील की।
महाना ने कहा कि वर्तमान समय में जनता अधिक जागरूक हो रही है। विधायकों से पारदर्शिता की अपेक्षा बढ़ रही है। ऐसे में प्रत्येक समिति का दायित्व बनता है कि वह प्रभावी कार्य प्रणाली अपनाए और प्रदेश की विधायिका को नई दिशा प्रदान करें।
बैठक में विधानसभा समितियों में विधायकों की सक्रिय भागीदारी बढ़ाने पर जोर देने के साथ ही पुस्तकालयों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने का सुझाव दिया गया, जिससे शोध एवं संदर्भ कार्यों में सहूलियत मिले।
इसके अलावा जनता को विधायिका की कार्यप्रणाली से अवगत कराने की बात कही गई। साथ ही अन्य राज्यों एवं संसद की लाइब्रेरी के अध्ययन को अपनाने की दिशा में प्रयास करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा विधायकों के शोध व अध्ययन के लिए संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने समिति की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर सभी सदस्यों ने विधान सभा अध्यक्ष को हाल ही में पुणे में आयोजित 14वीं 'भारतीय छात्र संसद' में ‘आदर्श विधानसभा अध्यक्ष’ पुरस्कार से सम्मानित होने पर बधाई दी। बैठक में सदस्यों ने कहा कि यह पूरे सदन के लिए गौरव की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हमें उनके नेतृत्व में कार्य करने का अवसर मिल रहा है। बैठक में विधानसभा के समितियों के सदस्यगण एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला