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-गुरू रविदास की जन्मस्थली सीरगोवर्धन पुर में जयंती समारोह की तैयारियों को देखा
वाराणसी, 10 फरवरी (हि.स.)। जालंधर से रविदासिया धर्म के प्रमुख संत और संत रविदास मंदिर ट्रस्ट के चेयरमैन संत निरंजन दास सोमवार को अपरान्ह में हजारों अनुयायियों के साथ वाराणसी पहुंचे। कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 09 पर जालंधर से आई बेगमपुरा एक्सप्रेस जैसे ही पहुंची पूरा स्टेशन जयकारों से गूंज उठा। संत शिरोमणि गुरू रविदास की जयंती समारोह में भाग लेने आए संत का गाजेबाजे के साथ पुष्पवर्षा के बीच स्वागत किया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच संत निरंजन दास सेवादारों और सुरक्षा कर्मियों के घेरे में अनुयायियों के साथ स्टेशन से बाहर निकले। स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में भी श्रद्धालुओं ने उनका जयकारे के साथ स्वागत किया। इसके बाद वे वाहनों के काफिले में गुरू रविदास की जन्मस्थली सीरगोवर्धनपुर रविदास मंदिर में पहुंचे। पूरे राह फूलों से सजे वाहन की अगली सीट पर बैठे संत निरंजनदास भक्तों का अभिवादन करते रहे। सीरगोवर्धनपुर में देश-विदेश से जुटे रविदासी भक्त उनके वाहन का स्पर्श कर आह्लादित दिखे। मंदिर में उनका ट्रस्ट के पदाधिकारियों व ट्रस्टियों ने गर्मजोशी से अगवानी की। मंदिर में गुरू रविदास के प्रतिमा के समक्ष मत्था टेक संत निरंजन दास ने रविदास जयंती की तैयारियां को परखा। इस दौरान उन्होंने बड़ा लंगर हाल, भंडारा,रसोईं आदि का निरीक्षण भी किया। संत के साथ सैकड़ों एनआरआई श्रद्धालु भी आए है।
जन्मस्थली जयंती समारोह के लिए तैयार,देश के विभिन्न प्रांतों से आ रहे श्रद्धालु
गुरू रविदास की जयंती (12 फरवरी) मनाने के लिए जन्मस्थली सीरगोवर्धनपुर सज-धज कर तैयार है। जन्मस्थली पर देश-विदेश से अनुयायी लगातार आ रहे है। अमेरिका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, कनाडा, फ्रांस, थाईलैंड से रविदासी भक्त आ रहे है। रविदास मंदिर से लेकर लौटूबीर तक लगभग एक किमी के दायरे में श्रद्धालुओं की मौजूदगी से जन्मस्थली गुलजार है। पूरे इलाके में लघु भारत की झलक दिख रही है। लोगों को लंगर में प्रसाद खिलाने के लिए पंजाब के भक्तों की टोलियां अलग-अलग मोर्चा संभाल रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी